कर्तव्य
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उस सैनिक ने जैसे ही मण्डप में दुल्हन के साथ सातवाँ फेरा पूरा किया, उसे आर्मी हेडक्वार्टर से खबर मिली कि ''पड़ोसी देश के आतंकवादी संगठनों केसीमा पर हमला कर देने के कारण आपकी छुट्टी निरस्त कर दी गई है। इसलिए आप तत्काल ड्यूटी पर लौटें।''
जिसने भी सुना, चकित रह गया। सैनिक ने सबको समझाया कि ''यह तो मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात है। भारत माता की पुकार है। इसी दिन के लिए तो मैंने आर्मी ज्वाइन की थी। मुझे आज ही निकलना है।"
लगभग आधे घंटे बाद जब वह अपना सामान पैक कर अपनी नवविवाहिता के सामने आया, तो वह बड़े ही गर्व के साथ बोली, "आप मम्मी-पापा और हमारी बिलकुल भी चिंता मत करना। यहां मैं सब संभाल लूंगी। बस, आपसे एक निवेदन है हमारी ओर से भी कम से कम तीन आतंकवादी मार गिराना।"
"यस सर।" उसने पूरे उत्साह के साथ सेल्यूट मारते हुए कहा।
नवव्याहता प्यार से गले लग गयी।
वहाँ मौजूद सब मेहमानों ने उसे नम आँखों से विदा किया।
-डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़
