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Dr. Pradeep Kumar Sharma

Classics Inspirational Children

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Dr. Pradeep Kumar Sharma

Classics Inspirational Children

प्रेरणा

प्रेरणा

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प्रेरणा

"नंदू बेटा, तुम्हारा एहसान हम जिंदगी भर नहीं भूलेंगे। तुम्हारी प्रेरणा से ही मेरे दोनों पोते अब डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। समझ में नहीं आता कि तुम्हारा ये अहसान हम कैसे चुका पाएँगे।" बुजुर्ग रामदास ने कहा। 

"कोई अहसान नहीं काका। मैं तो बस यूँ ही।" नंदू बोला। 

"बेटा, मुझे पता है मुंबई में तुम्हारी अच्छी जान-पहचान है, तभी तो तुम बड़े-बड़े हीरो-हीरोइनों की ऑटोग्राफ वाले फोटो हमारे बच्चों को लेकर देते हो। मैं समझ सकता हूँ कि इतना आसान भी नहीं होता है ये काम।''

"चाचा जी, आपको तो पता ही है कि मैं मुंबई में एक प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस सेंटर का एक मामूली सा गार्ड हूँ। यहाँ गाँव के बच्चे तो फिल्मी सितारों के दीवाने हैं। वे मुझसे उनके ऑटोग्राफ वाले फोटो माँगते हैं, तो मैं उनसे वचन लेता हूँ कि उसके बदले वे खूब पढ़ाई करेंगे और क्लास में टॉप करके दिखाएँगे, तभी दिलवाऊँगा। ऑटोग्राफ वाले फोटो के लालच में वे जमकर पढ़ाई करते हैं, तब... "

"तब क्या नंदू ?"

"तब मैं मुंबई में सड़क किनारे बिकने वाले फोटो में खुद ही हीरो-हीरोइनों के नकली ऑटोग्राफ बनाकर उन्हें गिफ्ट कर देता हूँ।"

"नंदू काका, ये क्या बोल रहे हैं आप ? इसका मतलब ये है कि अभी तक आपने हमें जो ऑटोग्राफ वाले फोटो गिफ्ट किये हैं, वे सब नकली हैं।" रामदास का पोता रमन बोला, जो उनकी बात चुपके से सुन लिया था। 

"हाँ बेटा रमन, वे सभी नकली ऑटोग्राफ हैं। पर बेटा, मेरा मकसद आप लोगों को धोखा दे नहीं था। मेरी नीयत एकदम साफ़ है। मैं नहीं चाहता था कि बड़े होकर आप लोगों को भी मेरी तरह छोटी-मोटी नौकरी करनी पड़े। तुम्हारे मम्मी-पापा और दादा-दादी भी चाहते थे कि तुम दोनों भाई बड़े होकर डॉक्टरी की पढ़ाई करो। और देखो, तुम दोनों भाई अब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले चुके हैं।"

"हाँ, ये बात तो है काका। और वो तो होना ही था। आपने भी तो मुझसे प्रॉमिस किया था कि जब मैं मेडिकल इंट्रेंस परीक्षा पास कर लूँगा, तो आप मुझे अमिताभ बच्चन की ऑटोग्राफ वाले फोटो गिफ्ट करेंगे।"

"....."

"नंदू काका, आप बहुत ही अच्छे इंसान हैं। चाहे जैसे भी हो, आपने गाँव के कई बच्चों की लाइफ बना दी है। आप निश्चिंत रहिये, ये राज, राज ही रहेगा, क्योंकि हम चाहते हैं कि आगे भी आप ऐसा नेक कार्य करते रहें।" कहते हुए रमन ने नन्दू काका के चरण स्पर्श किये तो उन्होंने उसे गले से लगा लिया।

- डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

रायपुर, छत्तीसगढ़   


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