Bhawna Kukreti

Abstract Children Stories

4.5  

Bhawna Kukreti

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"कोरोना लॉकडाउन-18(आपबीती)"

"कोरोना लॉकडाउन-18(आपबीती)"

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पिछली रात लगभग 2 बजे तक बेटे और मैने इनसे और बड़े भाईसाहब से बात की। बड़े भाईसाहब ने खुद को प्रीकॉशनरी सेल्फ आइसोलेट किया हुआ है।वे आर्मी में हैं।आर्मी में भी कुछ डिपार्टमेंट होते है जिसमे सिविल इंटरेक्शन होता है।सो उन्हें जाना पड़ा । जिनसे मिले, वे अचानक सेल्फ क़ुरएन्टिन में चले गए ।पता किया गया तो पता चला कि उनके बॉस जो विदेश से आये थे क़ुरएन्टीन किये गए हैं।और ये उनके डेली संपर्क में थे। मन चिंता में आ गया।क्या मायका क्या ससुराल सब कोरोना की दहशत में है, खतरे के आस पास हैं। कितने खुशनसीब होंगे न वो जो अपने परिवार के साथ अपने घरों में है,सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।


रात बेटे जी ने मेरी जम के अपने पिता जी से शिकायत की, तो बेटे जी के पिताजी ने कहा कि कोई बदमाशी करूं तो फौरन उनको काल कर दे।खैर , कल रात बहुत देर बात हुई। उसके बाद, पापा-बेटे का गेम सेशन चला,अब ये रोज का नियम सा हो गया है। इसलिए भी बेटा जल्दी नहीं जागता। तो होना क्या था दोनों की सुबह जल्दी आंख नही खुली।


गुड्डी काम करके जा चुकी थी ।मम्मी जी ने चाय दी। मैंने कहा आज इडली बना देती हूँ। तो बोली कि बेटे जी को आलू का पराठा पसंद है तो आलू उबाले हैं।वो नहाने जा रही थी मैने कहा कि मैं मसाला तैयार कर देती हूँ। बोलीं ठीक है, आलू अच्छे से मसाले में भूने, सोचा अभी दर्द नही लग रहा तब तक सब्जी भी छौंक दूं।वो भी कर दी।देखा पराठे के लिए गूंथा आटा कम हो जाएगा तो आटा भी तैयार कर दिया,उसके बाद दर्द महसूस होना शूरू हो गया तब तक मम्मी जी आई बोली क्यों कर दिया, हम कर रहे थे न। मैं दर्द के डर से सीधे बेड पर आ गयी। बेटा जाग गया। आज जाने उसको क्या लगा बोला मां आपका एक पैर सिकुड़ रहा है।


अभी इनको फिर लाइव करने हॉटस्पॉट जाना है।आज इनका डे ऑफ होता है पर कोरोना की वजह से सब ऑफ कैंसल हो गए हैं।फिर भी शुक्र है कि इंटरनेट और डेटा है।


बेटे और मम्मी जी की दोस्ती हो गयी है।रात में बेटे जी ने अपने पापा जी से काफी देर बात की थी। सो पापा का अच्छा बच्चा है।अभी दोनों छत पर गए हैं,खेलने।


दो दिन से उत्तराखंड में कोई कोरोना पोसिटिव नही है।ये राहत की बात है पर मुख्यमंत्री जी ने राज्य को आपदा ग्रस्त घोषित कर दिया है इस वजह से जिलों की सीमाएं सील हो गईं है। शायद लॉक डाउन आगे बढ़े।


अभी मैं जरा जल्दी में बेड से उठी।पैर में फिर दर्द और खिंचाव शुरू हो गया है।ईश्वर मैंने ही कुछ गलत कर दिया है।वरना सही हो रहा था।


आज ड्राइंग रूम चाय ले कर थोड़ी देर को आई कि सबके साथ जरा देर को बैठूं।टी वी पर डिस्कशन चल रहा था कि मोदी जी लॉक डाउन बढाएंगे, या नहीं कि अचानक एंकर बोली ,दिल्ली एन सी आर में 6.5 का भूकंप। मेरे जैसे होश ही उड़ गए, मुझे लगा कि मैंने गलत सुना। 'भगवान क्या चाहते हैं आप' मम्मी जी भी बोल उठीं। जितना मुझे जानकारी है ये बहुत तीव्रता का था।उसमें तो काफी नुकसान होता ।सब लॉक डाउन की वजह से घरों में ही है न। फिर कुछ देर में सुधार कर बोली 3.5 का पर केंद्र दिल्ली में 8 किलो मीटर नीचे इसलिए ज्यादा महसूस हुआ।फिर बोली कि अब लोग कहने लगे हैं कि मोदी जी कह रहे घर मे रहो, भूकम्प कह रहा बाहर निकलो। सोशल मीडिया पर भी मीम चलने लगे हैं।क्या विडंबना है न!


आज व्हाट्सअप पर एक सूचना चल रही थी की लॉक डाउन बढ़ सकता है तो क्या-क्या कर लेना चहिये। वो सब मेरे दिमाग मे शुरू से ही आ गया था की लॉक डाउन में किफायत से से चलना चाहिए,के लॉक डाउन बढ़ेगा। पर पता नहीं मम्मी जी को कैसे कहूँ। अब तो बॉर्डर सील हो गए हैं। नवीन जी भी नहीं आ सकते कुछ दिनों के लिए।वो अच्छा खाना-पीना, खाना और खिलाना पसंद करती हैं।एक बार कहा था कि हफ्ते में दो दिन,दिन में खिचड़ी कर देते हैं तो नाराज सी हो गईं थी।चलो, कल जब खुश मन दिखेंगी तो मेसेज पढ़ के सुना दूंगी।या फिर कल होम डिलीवरी से राशन ही मंगा कर रख देती हूँ, समस्या ही खत्म ।

असल मे बड़ों को कुछ कहते डर लगता है। एक तो मेरी परवरिश अलग तरह से हुई है, हमारे मायके में पापा साफ सीधा बोलते है और मैं कुछ बातों में उनसे ही ज्यादा प्रभावित हूँ ,और यहां इशारों में घुमा फिरा के बात कही जाती है। शुरू में तो बहुत मुश्किल हुई थी मुझे ,पर अब समझने लगी हूँ।और फिर मम्मी जी ने नौकरी में रहते इतनी दुनिया और बहुरंगी लोग देखे है की उन्होंने कि साफ मन से भी कुछ कहूं तो जाने-अनजाने उन्ही सब अनुभवों से फ़िल्टर हो कर बात आती है और कुछ का कुछ हो जाने की प्रबल संभावना रहती है। सो अपना पक्ष समझाने की कोशिश भी नहीं करती।फिर आज कल परेशान है, वो भी मेरी वजह से ,कोरोना लॉक डाउन की समस्या तो बाद में आई।

सच महीना हो गया है बेड पर पड़े-पड़े और उनको घर मे खटते।


देखो आज फिर इन्होंने अपने मन की करी।इन्होंने मुझे नहीं बताया था कि ये सहारनपुर में एक दूसरे ही कोरोना हॉटस्पॉट, सरसावा के पास जा रहे हैं।आज भी मास्क हटा के लाइव कर रहे थे।उस लाइव में आवाज से भी बहुत थके से लग रहे थे । अभी भी वीडियो कॉल में थके से और इनकी आंखें भी अलग सी लग रहीं थीं, आज बेटे के साथ भी कम खेला।कुछ तो बात है। ईश्वर सदा साथ रहें इनके, इनकी टीम के ,हमेशा रक्षा करें। कल सुबह इत्मीनान से बात करती हूँ।


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