कन्या
कन्या


इस बार भी नवरात्रि में ही उनकी बहू की जचगी होनी थी।
सास आरती कर के निकली ही थी कि बेटी के मुंह से निकला कि नवरात्रि में कन्या आ जाए तो मज़ा आ जाए।
“कभी तो शुभ शुभ बोल दिया कर” – कहते हुए सास अस्पताल जाने की तैयारी करने लगी।
इस बार भी नवरात्रि में ही उनकी बहू की जचगी होनी थी।
सास आरती कर के निकली ही थी कि बेटी के मुंह से निकला कि नवरात्रि में कन्या आ जाए तो मज़ा आ जाए।
“कभी तो शुभ शुभ बोल दिया कर” – कहते हुए सास अस्पताल जाने की तैयारी करने लगी।