खूबसूरत सा हर पल
खूबसूरत सा हर पल
खूबसूरत सा हर पल तेरा मेरा साथ होता हैं,
वक़्त औऱ वक़्त का तेरा मेरा साज़ होता हैं।
हर पल यादों में तुम्हारे खोया रहता हूँ।
हर दिन ख़यालो में तुम्हारे होता हूँ।
बचपन मेरा जो तुम्हारे साथ बिता हैं,
आज भी वहीं पल में दोहराता हूँ।
मिला हैं जो सुकून तुमसे मुझें आज वहीं लम्हे
मैं अपनी यादों में कैद करता हूँ।
सुबह दोपहर शाम रात दिन ज़ज़्बात मेरे तेरी यादों में बिखरें हैं,
अल्फ़ाज़ मेरे तेरे तेरे मेरे साथ सिमट कर रखें हैं।
यादों के साथ यादों में बसा मेरी खूबसूरत ज़िन्दगी का
हिस्सा हो तुम तुम्हीं मेरा और मैं तुम्हारा जीवन हूँ।
पुलकित हृदय में मेरा हर्ष, उमंग, उत्साह का संघर्ष हैं,
जीवन का आधार औऱ ज़ज़्बात का सफ़र मेरा तू औऱ तेरा मैं..हूँ।
यादों के साथ बिखरा हर लफ़्ज़ मेरी ज़ुबाँ से तेरा औऱ
तेरी ज़ुबाँ से मेरा यहीं हम दोनों का प्रेम का प्रेम से मिलन हैं।
बिखरना हैं हर दिन मुझें, बिखरना हैं हर दिन तुझें
लम्हें अल्फ़ाज़ औऱ ज़िन्दगी बस यहीं मेरी तुम्हारी साथ हैं।
यादें ताज़ा होने लगी, अब वहीं बातें करने लगें सिमटे हैं
जो जज़्बात उसी भवर में खोने लगें।
ख़्वाहिशों से ख्वाहिशें फिर पूरी होने लगी यादों से
बिखरीं तेरी मेरी मेरी तेरी ज़िन्दगी फिर याद आने लगीं।
कहती थी तू मुझे हार्दिक भूल जाएगा, पर सच तो यही है
मैं आज भी तुझें भुला नहीं।
वक़्त तो वही था मेरा तेरा जब में तेरा हुआ औऱ
तू मेरा वफ़ा भी मिली दुआओं में औऱ बेवफ़ाई भी मिली।
मंजूर उसे भी वही था। मंजूर हमें भी वही था।
किस्मत में जो लिखा, साथ चुने भी वही था।
जुगनुओं की तरह आज भी रातों में आवाज़ तेरी आती हैं,
भँवरों की तरह आज भी ख़्वाबों में यादें मेरी तेरी आती हैं।
लम्हें औऱ भी हसीन होने लगें, क़यामत फिर हमसे दूर होने लगी,
पास हम दोनों फिर होने लगे,यादों में फिर से बचपन हमें डुबोने लगा।
ख़ामोशी हमारी ज़ुबाँ पर अब ख़ामोश होने लगी,
बेफ़िक्र हम दोनों अब ख़ामोश रहने लगे।
ज़ज़्बात सिमटे औऱ अल्फ़ाज़ बिखरें हमारे यादों में
वही बचपन और बचपन में वही यादें हमारी।