STORYMIRROR

Nandita Srivastava

Tragedy

3  

Nandita Srivastava

Tragedy

खामोश गलियाँ

खामोश गलियाँ

2 mins
356

बहुत ही अजीब सा महौल है ? मेरे मोहल्ला का ,यह गलियाँ सूनी कैसी हैं ? दिन भर मजमा लगा रहता था ,कभी कोई जा रहा है तो कभी कोई आ रहा है.पर यह सूना पन तो मुझे खा जायेगा ऊपर से धंधा भी मंदा है ,यह अलफाज रसूलन के थे ,रसूलन एक निम्न स्तर की तन बेचने वाली औरत है ।बदबूदार सीलन वाले कमरो में रहकर धंधा करती है। कब पहुँची ,कैसे पहुँची यह तो नहीं मालूम पर होश संभाला तो खाला की शागिर्दी में मर्दो को रिझाना सीखा ,फिर खुद खाला के मरने के बाद खुद ही मलकिन बन गई।

दो चार दीवाने अभी भी हैं रसूलन के, पर खूबसूरती पर पाउडर की परतें चढ़ कर और बदसूरत बना देती है । दो बेटियों को कोख से पैदा किया, जब कमाने का मौसम आया तो भाग गयी ।रसूलन आज भी बेटियों के बड़बड़ करती है कि रंडी छिनार नमक का हक भी ना अदा कर पायी भाग गयी। अरे, कम से कम नथ उतरावा के कुछ तो कमवा देती,आग लेगे ऐसे जवानी को।दो तीन मुसीबत की मारी लड़कियाँ हैं ।उन की कमाई से खर्च चल जाता है पर कर्फ्यू की वजह से कोई आ भी नहीं रहा है ,कभी कभी खुद भी सो जाती है। सच पूछा जाये तो पेट की खातिर माता भी बिकता है, पेट की आग बहुत खराब होती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy