PANKAJ GUPTA

Romance

4.0  

PANKAJ GUPTA

Romance

कच्ची उम्र प्यार (भाग-7)

कच्ची उम्र प्यार (भाग-7)

7 mins
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मेरा इंतजार खत्म हुआ और वह दिन आ ही गया जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था।

मैंने उस दिन आरती के लिए कैसियो की एक खूबसूरत घड़ी खरीदी और उसे अच्छे से पैक करवाया।

साथ में एक ग्रीटिंग कार्ड पे जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ अपनी फीलिंग्स भी लिख डाली


" May you be gifted with a lot of hapiness, prosperity, joys and never-ending bliss. After all, you yourself are a gift to earth, so you deserve the best. Happy birthday Angel

 I think your birthday is the perfect moment for me to express my feelings for you. 

The way my feelings grows for you daily amazes me.

I have never loved like this before this time. Nothing takes my breath away than looking up and see you staring straight at me.

It makes my heart skip a beat and blood to run through my veins faster.

You love me, and I love you very much. That’s a magical bond we share, and I will give up anything to keep that forever. I can’t hold back any part of me from falling in love with you.

I am surrendering myself to your love because its the sweetest and purest thing I’ve ever received.

You make my day bright, and my face glow. You make me wish that our lives will last till eternity.

Ever since our paths crossed, I’ve been under your sweet doses of love. I love you sweetie. I love you alot. And with a lot of love i am wishing you a very happy birthday my Doll. Wish you all the best "


मैंने उस दिन ब्लू कलर की शर्ट, क्रीम कलर का ट्राउजर, ब्लैक शूज, ब्लैक डायल की रिस्ट वॉच पहनी और रेस्तरां जाने के पहले मैं राजू के सैलून मे गया......


मैं- यार राजू face कितना गन्दा लग रहा है। थोड़ा अच्छा कर दो।


राजू- क्या बात है भैया। बड़े खुश हो आप...किसी से मिलने का प्लान है क्या??


मैं- ज्यादा दिमाग मत लगाओ। करो पहले time नही है मेरे पास।


राजू- भैया जी ब्लीच कर देते है..फिर मसाज..मस्त हो जायगा चेहरा आपका।


मैं- ठीक है करो जल्दी से।


सच बताऊ तो पहली बार मैंने उस दिन ब्लीच और फेस मसाज करवाया था

रेस्तरां जाने के पहले मैंने फूलों की दुकान से एक ताजा गुलाब की कली भी खरीदी। अंत मे मैंने बेकरी शॉप से आरती का पसंदीदा पाईनएप्पल फ्लेवर का एक खूबसूरत केक लिया और उसपे Angel नाम लिखवाया।


रेस्तरां में पहुँच कर मैंने केक को वेटर को थमा दिया और बोला जब मैं इसे मांगू तब लाना।

एक टेबल पर बैठ कर मैं आरती का इंतजार कर रहा था। मेरा इंतजार बीस मिनटो मे खत्म हुआ....


जैसे ही मेरी नजर अपनी तरफ आते हुए आरती पर पड़ी, मैं उठ खड़ा हुआ...

ब्लू कलर की गाउन, छरहरी काया, लम्बे घने रेशमी बाल, क्यूट से गालों पर डिम्पल, कानों मे लटके फिरोजी (Turquoise) कलर के खूबसूरत कुंडल, और गुलाबी सुर्ख़ होठों पे मनमोहक मुस्कान को देखकर मेरे दिल में घँटी सी बजने लगी।

मैं ख्वाबो की उस परी के सपनों मे खो गया।


आरती ने हाथ के इशारो से hi बोला लेकिन मैं उस अप्सरा के सपनों में खोया हुआ था।


"क्या हुआ??..कहा खोये है आप?..कुछ बोलेंगे?"


मैं- बोलूंगा dear। पहले सपनें से बाहर तो निकलूँ।


आरती- कौन सा सपना देख रहे है आप


मैं- अपने ख्वाबो की परी के।


आरती- ओहहो। क्या बात ..कौन है वैसे आपके ख्वाबो की परी?


मैं- है कोई...तुम्हें क्यों बताऊ?


आरती- अच्छा जी। हमे नही बताएंगे आप..फिर तो परेशान करेंगे आपको हम।


मैं-परेशान करोगी..तब तो बताना ही पड़ेगा।


आरती- हा जल्दी से बताइये कौन है वह लकी गर्ल।


मैं- कौन है इसे छोड़ो..कैसी है ये पूछो।


आरती- हा बताइये कैसी है आपकी परी??


मैं- शायरी मे जानना चाहोगी या ऐसे ही??


आरती- ummmm ..शायरी में।


फिर मैंने उस अप्सरा के तारीफ में शायरियों की झड़ी लगा दी...


वह हक़ीकत नहीं, मेरी हसरत है

जो मिले ख़्वाब में वही दौलत है,

बस इतना समझ लो तुम

वो तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत है।


सोचता था बचपन में चाँद को छू लूँ,

उसे देखा वो ख्वाहिश जाती रही।


उसकी शरमाई सूरत व नीची निगाहें,

कोई देखें तो बस देखते रह जाये।


उसको सजने की संवरने की ज़रूरत​ ​ही नहीं​​,​

​उस पे सजती है हया भी किसी जेवर ​की तरह।


पलकों को जब-जब वो झुकाती है,

बस एक ही ख्याल दिल में आता है,

कि जिस खुदा ने उसे बनाया होगा

उसे धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया होगा।


बरसात का मजा उसके जुल्फों में दिख जाते है

उसकी आँखे हिरनी सी दिल को भा जाते है।


हैं होंठ उसके किताबों में लिखी तहरीरों जैसे,

ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है।


कैसे बयान करें सादगी उस परी की,

 वो तो जन्नत है और चाँद भी।


आरती मेरी आँखों में डूबकर इन सब शायरी को बड़े गौर से सुने जा रही थी। शायरी खत्म होने के बाद उसने अपनी नजर झुका ली और उसके होठों पर खुशी के मुस्कान फिर से उमड़ पड़े। उसकी मुस्कान और रूमानी चेहरा उसके असीम खुशी को साफ साफ बयान कर रहे थे।


आरती-" आप इतने अच्छे शायर हो हमे पता भी नही था..मैं निःशब्द हूँ..मेरे पास शब्द नही है..मैं कैसे तारीफ करू?..बस इतना कहूंगी

 'आप वो शायर हो जनाब पानी में आग लगाते हो

बस दिल को जीतते नही, सीधे दिल मे उतर जाते हो'


वैसे है कौन है यह परी?? नाम तो बताइये"


मैं- अच्छा...पूरी रामायण खत्म और पूछोगी सीता कौन है..अपनी तारीफ इतनी नही सुनते


फिर आरती की झुकी नजर और मोहक मुस्कान ने गुलशन की तमाम कश्तियों/वादियों को पीछे छोड़ दिया.....


मैं- (गिफ्ट देते हुए)wish you a very happy birthday to my sweet angel


आरती- Thankyou 


फिर मैंने वह गुलाब की कली आरती की तरफ बढ़ाते हुए बोला

"एक बात है दिल में आज तुम्हे हम बताते है

हम तुमसे कुछ नही चाहते..बस तुम्हे चाहते है

आई लव यू..आई लव यू सो मच"


आरती- (गुलाब को चूमकर) आई लव यू टू


उस समय हम दोनों के दिलों की धड़कने तेज थी। हम दोनो बहुत रोमांचित थे...मुस्कान और हँसी रुकने का नाम नही ले रही थी।

हमदोनो एक खूबसूरत एहसास के समंदर मे गोते लगा रहे थे।हर चीज़ हद से ज्यादा प्यारा लग रहा था। ऐसा लग रहा था मानो पूरी कायनात हमे मिलाने मे लगी हो।


आरती- मैं यह गिफ्ट खोल सकती हूं अभी??


मैं- हा... क्यों नही


आरती ने बड़े प्यार से गिफ्ट खोला।

आरती- wow.. कितना प्यारा वॉच है..बिल्कुल आपकी तरह..thankyou so much😊


मैं- you welcome dear.. कार्ड मत ओपन करो..उसे घर पे देखना।


आरती- ठीक है


फिर मैंने वेटर को केक लाने का इशारा किया।

वेटर ने एक खूबसूरत थाली में गुलाब की पंखुड़ियों से बने दिल की आकृति के बीच में उस केक को बड़े खूबसूरती से रखा था।


केक को देखते ही आरती के लब्जों से "wow...Pineapple..My fav" शब्द निकल पड़े

आरती- "क्या बात है आज सबकुछ मेरे पसन्द का...पाइनएप्पल केक, ब्लू शर्ट, ट्रॉउजर, ब्लैक शूज, ब्लैक वॉच"


मैं- जन्मदिन तुम्हारा है तो सब तुम्हारे पसन्द का ही तो होना चाहिए।


आरती- इतना ख्याल है आपको मेरी पसंद का।


मैं- हाँ सिर्फ पसन्द नही, पूरा तुम्हारा ख्याल है मुझे..वैसे तुम किस खुशी में मेरे पसंद का ब्लू गाउन पहन के आई हो?


आरती(मुस्कुराते हुए)- ummmmm वो तो ऐसे ही।


फिर आरती ने केक कट किया और उस पूरे रेस्त्रां में धीमी धीमी आवाज में सॉन्ग बज उठा

"Happy Birthday

Happy birthday, happy birthday, Happy happy birthday to you!

Happy birthday, happy birthday, Happy happy birthday to you!

I want to do something special for you,

It's your birthday, and you're special too.

So I brought some guabs from the outter guab zoo.

They honk and squak and sing just for you...

Happy birthday, happy birthday, Happy happy birthday to you!

Happy birthday, happy birthday, Happy happy birthday to you!"


फिर हम दोनो ने एक दूसरे को केक खिलाया और हल्का सा केक एक दूसरे के गालों को भी खिला दिया और फिर मैंने आरती का पसंदीदा टोमैटो सूप, मंचूरियन, और फ्राइड इडली का ऑर्डर किया और फिर एक दूसरे से खूब सारी बातें करने लगे। 

अंत में मैंने आरती का पसंदीदा मटका कुल्फी भी मंगाया।

रेस्त्रां से जाने का मन नही कर रहा था। काश वक्त को थामने की शक्ति होती तो हम उस वक्त को आगे बढ़ने ही नही देते। लेकिन वक्त को थामने की शक्ति मनुष्य के वश मे कहा है। घड़ी में 3:30 बज रहे थे।


आरती- अब मुझे जाना होगा नही तो डाँट सुननी पड़ेगी..और हा हैप्पी दिवाली Mr. Valentine


मैं- हैप्पी दिवाली यू टू मिस दिवाली

..ठीक है अब चलते है। मोबाइल कब मिलेगा तुम्हे?


आरती- शाम में घर पे जब पापा आएंगे तब।


मैं-ठीक है अपना ख्याल रखना और घर पहुच के मेसेज कर देना।


आरती-ठीक है ..एक बात कहु?


मैं- हा बोलो न


आरती- आज का दिन मैं कभी नही भूलूंगी। बहुत यादगार बना दिया आपने इसे।Thankyou so much


मैं- यादगार तो ये मेरे लिए भी है..एक ख्वाब सच होने जैसा है आज का यह दिन।


फिर हम दोनों ने एक दूसरे को देखा..बड़े गौर से..बड़े शिद्दत से..मन हुआ कि गले लगा ले लेकिन रेस्त्रां जैसे पब्लिक प्लेस पर ये संभव न था।

अंत में आँखों में चमक और खूबसूरत मुस्कान के साथ हम दोनो ने एक दूसरे से विदा लिया और अपने अपने घर चल निकले।


शेष कहानी अगले भाग में....


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