PANKAJ GUPTA

Drama Romance Fantasy

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कच्ची उम्र का प्यार (भाग-9)

कच्ची उम्र का प्यार (भाग-9)

6 mins
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दो हफ़्तों बाद आरती को क्लास मे देखकर सुकून आया, जान मे जान आया..

दो हफ़्तों मे आरती का सिलेबस काफी छूट गया था। उसने हमसे एक्सट्रा क्लासेस मे इसे कवर करने को कहा। हम भी उसे एक्सट्रा क्लास देने के लिए राजी हो गये। जनवरी फर्स्ट वीकसे एक्सट्रा क्लास शुरू हुई रविवार के दिन।

उस दिन आरती अपनी सहेली स्वाति के साथ आई..लगभग एक घण्टे पढ़ने के बाद जब जाने का समय हुआ

तो स्वाति ने मुस्कुराते हुए ने कहा

"सर एक बात पूछे?"

मैं- हा पूछो

स्वाति- आप किसी को पसंद करते है ?

मैंने आरती को देखा वो सर झुका कर मुस्कुरा रही थी

हमे समझते देर नहीं लगी की स्वाति को हम दोनो की लव स्टोरी पता है..फिर मैंने कुछ सोच कर बोला

"मेरा छोड़ो..तुम बताओ..लगता है तुम्हे कोई पसंद आ गया है"

स्वाति- मेरा तो पता नहीं पर आरती को जरूर कोई पसन्द आ गया है।

फिर मुझे लगा की स्वाति को सबकुछ नहीं पता है। उसे doubt है।

मैं- ओह्ह। आरती, बताओ कौन पसन्द आ गया तुम्हे ?

स्वाति-वो नहीं बतायेगी सर।मैं बता दूंगी उसका क्रश.. पहले आप बताओ आपको कोई पसंद है?

मैं- पसंद तो है..लेकिन समय आने पर बताएंगे।

स्वाति-अच्छा इतना तो बता दीजिये वो आपके कॉलेज की है,गर्ल्स पॉली० की है या बाहर की?

मैं- फिर कभी बताएंगे स्वाति।

स्वाति- नहीं सर प्लीज़ आप बताओ न।

मैं- गर्ल्स पोलीटेक्निक।

स्वाति- फर्स्ट ईयर, सेकंड ईयर या थर्ड ईयर?

मैं- (हँसते हुए) पूरा enquiry कर लो आज ही।

स्वाति- (मुस्कुराते हुए) सर ऐसे ही हँसते रहा करिये। किसी को आपकी हँसी बहुत पसंद है।

मैं-

स्वाति- बताइये ना सर कौन सा year?

मैं- फर्स्ट year, इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच है। तुम्हारी बेस्ट फ़्रेंड है और तुम्हारे बगल मे बैठी है इस समय।

स्वाति- wow..सर आप भी पसन्द करते है इसको..ये तो बहुत चाहती है आपको...।

पता है सर मैंने इसकी डायरी पर आपका नाम देखा..मुझे शक हुआ..मैंने पूछा ये बता ही नहीं रही थी..बहुत परेशान किये तब बताई की अमित सर मेरे क्रश है..मैंने पूछा वो भी तुम्हे चाहते है तो बोली उन्ही से पूछ लेना। तो मैं सोच रखी थी आपसे जरूर पूछूँगी।

मैं- चलो अच्छा हुआ जान गई न। अब ये बात किसी को न बताना। कम से कम कोचिंग मे तो किसी को नहीं।

स्वाति- नहीं बताउंगी सर। मेरी ट्रीट कब मिलेगी ?

मैं-ठीक है ट्रीट की प्लानिंग करते है।

इस तरह से उस दिन के क्लास का the end हुआ

स्वाति ने तो हमसे बोल दिया की किसी को नहीं बताउंगी लेकिन अब यह बात तेजी से फैलने लगी की अमित सर और आरती का चक्कर चल रहा है।

मैंने स्वाति से पूछा तो बोली सर किसी को नहीं बताई हु बस एक फ़्रेंड है स्मृति उसे ही बताये है।

मुझे सब समझ आ गया था कि कैसे ये सब बाते एक दूसरे मे तेजी से फैलती है।

अब मेरे दोस्त भी मेरे मजे लेने लगे थे। स्टूडेंट्स मे भी यह बात फैल गई थी लेकिन किसी ने मुझसे पूछने की हिम्मत नहीं की थी।

लेकिन एक दिन मेरा पसंदीदा छात्र शिखर घर पर आया। वो अक्सर मेरे यहा आता रहता था और छात्रों के फीडबैक से मुझे अवगत कराता था और उस दिन बातो बातो मे उसने कहा सर कुछ बात करनी है आपसे

मैं- हा बोलो क्या बात है?

शिखर- सर पता है आपको आजकल आपके और आरती के चर्चे पूरे कॉलेज मे है

मैं- क्या ?

शिखर- हा सर सही कह रहे है

मैं- कौन क्या कहता है?

शिखर- सब कहते है। सबको पता है आप दोनो के अफेयर के बारे मे। एक दिन अभय ने आपदोनो को विनि रेस्त्रां से बाहर निकलते देखा था..वही पूरा कॉलेज मे फैलाया है ये बात...और सर थोड़ा अलर्ट रहियेगा। अभय ने आरती के भैया जोंटी को भी ये बात बता दिया है..वो बहुत बड़ा गुंडा है..और आरती की कोचिंग भी बन्द करा सकता है और आपके लिए भी दिक्कत पैदा कर सकता है

मेरी तो फिर से सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। क्योंकि जोंटी काफी बिगड़ैल तरह का लड़का था और मैं ठहरा सीधा सादा।

उसके बारे मे पहले से पता था मुझे लेकिन मैं आरती के प्यार मे इतना मशगूल था की ये सब चीज़ों का ख्याल ही नहीं आया..लेकिन अब शिखर की बाते सुन कर मैं सोच मे पड़ गया।

शिखर- सर टेंसन न लीजिये आप। अगर कोई दिक्कत होती है तो मैं रजनी भैया से बोल दूंगा..वो जोंटी से बड़े गुंडा है। वो समझा देंगे तो वह समझ जायेगा।

ये सब बाते करके शिखर तो चला गया लेकिन मेरे लिए एक बड़ा सर दर्द छोड़ गया। अब तो आरती को काल करने से भी डर लग रहा था..तभी आरती का काल आया।

आरती- क्या कर रहे है Mr वैलेंटाइन

मैं- कुछ नहीं यार। बस tensed हूं।

आरती- क्यों?..क्या हुआ?

मैं- तुम्हारे भैया कभी कुछ पूछ रहे थे तुमसे ?

आरती- नहीं तो....अरे हा एक बार पूछे थे की अमित सर कहा रहते है..मैंने पूछा क्यो तो बोले दो लड़के पूछ रहे थे उनसे मिलना है

आरती की ये बात सुनकर मेरी हालत और खराब हो गई।

आरती- क्यों क्या हुआ चुप क्यों हो गये आप?

मैं- तुम्हे पता है?..तुम्हारे भैया को सब पता चल गया है हमारे बारे मे..

आरती- क्या!!...सच ?

मैं- हा। अभय ने हम दोनो को विनि रेस्त्रां के बाहर देखा था और सबको बता दिया कॉलेज मे भी और तुम्हारे भैया को भी।

आरती(कुछ सोचकर)- अच्छा सुनिये आप डरिये मत। हम दोनो कौन सा गलत काम कर दिये है। बस प्यार ही तो किये है।

मैं- डर नहीं रहे है। डर इसीलिए रहे है की कही तुम्हारी कोचिंग न बन्द हो जाये। फिर मिलेंगे कैसे..

आरती- मैं उनके कहने से कोचिंग आना थोड़ी न बन्द कर दूंगी। खुद घूमते रहते है दिन भर ना कोई काम ना धाम..अच्छा सुनिये ये सब चिंता छोड़िये..कल रोज़ डे है..याद है न आपको

मैं-हा याद है..एक रोज को रोज देना है कल।

आरती- अच्छा जी। रोज तो आप हो।

मैं- चलो मैं मार्केट जा रहा हु। बाद मे बात करते है। bye

आरती- bye.. मिस यू

मैं- मिस यू टू

आरती की हिम्मत भरी बातो से मुझे काफी राहत मिला।

रात के 12 बजते ही आरती का मेसेज आया

"I asked for a flower but God gave me a rose..you are the rose...happy rose Day Mr."

मैंने भी मेसेज किया

"Our love is like a rose..it ll bloom n bloom..forever..Happy rose Day Miss Rosy"

उस दिन आरती क्लास मे 10 मिनट पहले ही आ गई। एक दूसरे को रोज जो देने थे

इस तरह हमदोनो वैलेंटाइन वीक के हर दिन 10 मिनट पहले पहुँचकर एक दूसरे को विश किये..बस विश.. और कुछ नहीं...हा टेड्डी डे के दिन टेड्डी, चॉकलेट डे के दिन चॉकलेट भी दिये एक दूसरे को...

13 फरवरी को किस डे था और उस दिन और 14 फरवरी के दिन क्लास बन्द था

14 फरवरी आने वाला था..उस समय रात के ठीक 12 बज रहे थे तभी आरती का काल आया

"ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती आपको नसीब हो,

आपके चाहने वाले हमसफ़र आपके हरदम करीब हों,

कुछ यूँ उतरे आपके लिए रहमतों का मौसम,

कि आपकी हर दुआ, हर ख्वाहिश कबूल हो...

जन्मदिन मुबारक हो Mr. Valentine"

आरती के कसिस भरी आवाज में ये पंक्तिया सुनकर मेरा मन खुशियों से भर गया..यूँ कहे तो दिल गॉर्डन गॉर्डन हो गया

मैं-Thankyou so much Sweetheart..and happy Valentine day

आरती-सुनिये.. मुझे मिलना आपसे आज दिन में

मैं-(खुश होते हुए) सही में ?..कहा मिलोगी ?

आरती- कोचिंग में

मैं- लेकिन कोचिंग तो बन्द है न

आरती- एकदम बुद्धू हो आप। बन्द है तो सही है न कोई नहीं आयेगा..सिर्फ मैं और आप..

आरती की इतनी हिम्मत देख कर मैं थोड़ा surprise था लेकिन मैंने कोचिंग मे मिलने के लिए हामी भर दी। दोपहर के 12.30 बजे मिलने का प्लान था।

शेष कहानी अगले भाग में.....


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