कौन है वह! पार्ट-2
कौन है वह! पार्ट-2
उस लड़की की आहों ने हंसते खेलते परिवार को अभिशप्त कर दिया। एक के बाद एक मौतों का सिलसिला शुरू हो गया।
कोई भी खुशी का अवसर हो उसकी आहों की मनहूसियत फैल जाती है फिर मातम होने लगता है। एक इंसान के गलत कर्मों की सजा पूरी पीढ़ी भोग रही है..! दोष लगा है इसको मृतात्मा का ! ...कितने भी जतन करो यह दोष पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है।
बहुत ही विद्वान महात्मा ने बतलाया था की,
इस पीढ़ी की बहु में अपार शक्ति होगी जो पूरी पीढ़ी को इस दोष से मुक्त करायेगी , "वो तुम हो !! " जो सबको तारोगी।
सुगंधा सारी बाते जान हैरान हो गयी उसे विश्वास नहीं हो रहा था। पर जो कुछ भी अप्रत्याशित रूप से घटित हो रहा था उससे माँ की बातों की पुष्टि स्वयमेव हो रही थी। अविश्वास की गुंजाइश न के बराबर लगी।
सुगंधा के मन में कुछ चटकने लगा अभी अपनी शादी की खुशी को संभाल भी न पायी थी कि इन सब बातों से उसके दिल में रिसाव होने लगा , उसे कुंवर की याद सताने लगी जो ब्याह तुरंत बाद घर से बाहर था काम के सिलसिले में।
सारा समान तैयार है …” जी माँ जी“ सुंगधा ने गहरी साँस छोड़ी उसका मुकाबला उस से था जिसे कभी देखा नहीं किन्तु खौफ का साया परिवार के ऊपर मंडराता रहता ..न जाने क्यों वह भयभीत नहीं थी पर सोच में थी क्या उसे देख पायेगी जिसने घर के लोगों को परेशान किया हुआ है।
आभास तो होता ही रहा मानो दो जोड़ी आँखें उसे घुर रही हो कभी यूं लगता मानो कोई पीछे खड़ा हो अजीब आहटें....!!!
विचारों को झटक दिया नहीं वो किसी से नहीं डरेगी चाहे कुछ भी हो सब को उसके आतंक से मुक्त करा कर ही रहेगी मन में दृढ़ निश्चय करती हुई उसकी चुनौती को स्वीकार कर उठी।
क्रमशः

