Ramesh Mendiratta

Abstract

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Ramesh Mendiratta

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जो ज़ुबान ए दिल न समझ सके

जो ज़ुबान ए दिल न समझ सके

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अनिता बेदर्द  को वह दिन क्योंकर याद आते जब किसी पत्रिका कोअपनी ग़ज़ल भेज देती थी और स्वीकृति होने पर दो तीन सौ का चेक आ जाता था। याद न आने का कारण यह था कि वहआज पूरी तरह सफलता के नशे में झूम रही थीं।  

(या ऐसा सबको लगता था । )  

अब भाग्य ऐसी करवट ले चुका था कि वह फ़िल्म जगत में शायरा के तौर पर टॉप पर थी . अपने एक ग़ज़ल या गीत का पांच से दस लाख तक लेती थी।  उनके सेक्रेटरी से बात ही हो जाय यह भी सौभाग्य ही माना जाता था।

और लिखवाने वाले करोड़ो बनाते थे उन्ही फिल्मों से,एसि

पैसा ही पैसे को खींचता है ,दुनिया जानती है।

मैं शुरूआती दौर में एक फ़िल्म फैशन पत्रिका की रिपोर्टर थी पर मेरा क्या इंटरेस्ट था अनिता जी मे?

जी मुझे एक चैलेंज दिया था पत्रिका के MD ने कि अगर मैं उनका साक्षात्कार करने में कामयाब हो गई तो डबल इन्क्रीमेंट तो मिलेगा ही और एक विदेश का दौरा भी । तो आप देखिए कि कितना ज़बरदस्त इंसेंटिव दिया जा रहा था और मैं महत्वाकांक्षी तो हूँ ही।

तो फिर यूं हुआ कि मेरी एक क्लास फेलो अदिति से एक मॉल में हो गई मुलाकात। उसके पति भी फ़िल्म उद्योग से जुड़े थे और जब उसे पता चला तो बोली .. "यह अपॉइंटमेंट लेना तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। पर पार्टी देनी पड़ेगी "

चलो कोई बात नही सहेली को पार्टी ज़रूर दूंगी और मै प्रभु का नाम लेकर पहुंच ही गई अनिता बेदर्द के पास। बड़ी अखड्ड मिजाज़ लगी ,यूं शायरी तो भावुक करती थी पर उनके व्यक्तित्व से लगता था किसी अंडरवर्ल्ड की गुंडी हो । बड़ा अजीब लगा मिल कर पर मेरी नौकरी का सवाल था ।

मैं जब उनके भव्य आफिस में पहुंची तो किसी से फ़ोन पर गाली गलौज कर रही थी । मै तो जैसे आसमान से गिरी ,वितृष्णा से भर गई । मुझे देखते ही अनिता ने नकली मुस्कान ओढ़ ली।

"मैडम जी मुझे आपसे कई बातें करनी है।  

पहले तो जो दर्द भरी ग़ज़ल आप लिखती है क्या वह दिल से यानी कि आप फील करके लिखती हैं ?"

"फील माये फुट !@@##! यह तो शब्दों की बाजीगरी है ,उनसे खेलती हूँ पर उन्हें जीती नहीं हूँ। शब्द तो मेरे खिलौने है।

अल्फ़ाज़ मेरा पेशा ही है और ज़्यादा कुछ नही ,वह कहते है न कि घोड़ा घास से प्रेम नही कर सकता तो वही बात है "

"पर मैडम दिल से भावना से न लिख कर आप ..."

मेरा सवाल पूरा ही नही होने दिया और बोली..

"मैं और  संवेदन शील ? हा हा हा पर एक कोने में ज़रा सी शायद  बच गई है तो उसी को कैश करती रहती हूँ "

अब मैं साक्षात्कार के दूसरे भाग पर आ गई ..

"बात दरअसल यह है कि कुछ मशहूर विदेशी कम्पनियां मेरे MD के पीछे पड़ी है कि आपसे साक्षात्कार करके आपकी लेटेस्ट पसन्द की जानकारी लूं और फिर वही प्रोडक्ट वह कम्पनियां बनाएगी। और फिर एक बात और है कि आप उनकी प्रोडक्ट एम्बेसडर बन जाएंगी । कुछ भी नही करना है, दो प्रतिशत रॉयल्टी आपको घर बैठे ही मिलेगी ,है न ग्रेट। "

  अनिता जी ज़्यादा इम्प्रेस तो नही लगी पर अपनी पटेक फिलिप घड़ी को जल्दी जल्दी मेरे सामने करते हुए बोली

"देखो मेरे पास बीस मिनट का समय है तुम्हारे लिए फिर मेरी नई अंडर प्रोडक्शन फ़िल्म की मीटिंग है तो प्रश्न शूट करो ")

  "मैडम यह आप के बारे में यह बात है सर्कल्स में आप किसी भी घड़ी को छह महीने से ज़्यादा नही पहनती चाहे वह फिलिप ही क्यों न हो ,तो इस बारे में 

  पूरा प्रश्न ही नही सुना और अगर संक्षेप में कहूँ तो यही बताया कि उनके पति नही चाहते कि वह छह महीने से ज़्यादा प्रयोग न करे ऐसी घड़ी।  

( पाठकों को शायद न मालूम हो ऐसी एक घड़ी की शुरुआती कीमत ही अस्सी लाख होती है )

 "और मैडम आप अपनी कार को भी बदल लेती है .हर साल.."

"ओ डार्लिंग क्यों मेरा टाइम खराब कर रही हों यह मेरे सेक्रेटरी से ही पूछ लो न "

 "नही मैडम कोई तो कारण तो होगा इमोशनल आदि वह बताइये न "

  "ओह अब आई न पॉइंट पर । तो ऐसा है कि मेरे हसबैंड ने मुझे ओपन आफर दी हुई है हर एनीवर्सरी पर नई कार। देखो BMW को कोई पूछता नही तो अभी एक लम्बाघिनि बुक की है मैंने। प्रेस रिलीज मिल ही जाएगा आपको ,वैसे आप पत्रिका में न लिखो तो बतला दूं कि मेरे पति का उद्योग अच्छा खासा चल रहा है और तुम कोई इनकम टैक्स अफसर तो नही हो न ?भई हो तो बता देना "कह करअनिता ने जोर का ठहाका मारा और काफी मंगवाई।

  मंहगे बैग,व्हिस्की ,लिपस्टिक,प्रसाधन का सामान,लिंगरी और क्या क्या यानी कि कई प्रोडक्ट पर बातचीत हुई और वही घिसा पिटा जवाब ...

  ."..मेरे पति ने वही ओपन चेक दे रखा है हर दूसरे महीने बदल लेती हूँ फलानी चीज़ "

वैसे ही में काफी विचलित हो चुकी थी तो उनसे विदा लेकर मैंने इन्वेस्टिगेटिव यानी खोजी टाइप की पत्रकारिता जारी रखी।

 दो दिन बाद उनके सेक्रेटरी से बात कर के उन्हें एक स्टार बार मे आने का न्योता दिया। यहाँ पर फिर मेरी अदिति के कांटेक्ट काम आ गए,सोचा कि अब तो डबल पार्टी के लिए कहेगी ।

  यह शख्स सहयोग कर रहे थे ..हमने एक दो डांस किये होंगे और डिनर से पहले दो ड्रिंक क्या लगाई कि...

काफी कुछ हाथ लगने लगा ..

   " जी रवि है इनके पति का नाम। नेट वर्थ होगी कोई बीस तीस  करोड़। इनके ऊपर जान देते थे पर इन्ही के कारनामे कुछ ऐसे थे कि उनका दिल टूट गया और डाइवोर्स केस फ़ाइल कर दिया।  आफिस में कई प्रूफ दूंगा इनके कारनामों और एक्स्ट्रा करिकुलर कामों के ,इसके बावजूद रवि जी  हर महीने लाखों रुपये ट्रांसफर कर देते थे इनके एकाउंट में नही तो बताइए कैसे यह इस तरह का लाइफ स्टाइल मेन्टेन करेंगी क्योंकि इंडस्ट्री से तो एक दो लाख से ज़्यादा मिलता नही इन्हें। अपने बारे में इतने झूठ फैला रखे है कि आठ दस लाख का रेट है पर मेरे पास प्रूफ है कि बीस तीस    हज़ार में भी लिख देती है। अपने aura की खातिर कुछ भी करती रहती है और हज़ारों फर्जी फैन बना रखे है । सारे एकाउंट में ही हैंडल करता हूँ। रवि जी ने ने इन्हें आठ दस क्रेडिट कार्ड दे रखे है,जी खोल कर प्रयोग करती है।

आप कहेंगे कि मैं आप को यह सब क्यों बता रहा हूँ। तो ऐसा है कि मैं भी तंग आ गया हूँ अपनी दोहरी लाइफ से और अगले हफ्ते ही त्यागपत्र दे कर रविजी के pa की आफर ले रहा हूँ।

कम से कम मुझे संतोष रहेगा कि मैंने एक अच्छा काम किया जीवन मे। " 

  कहने की आवश्यकता नही कि मेरा लेख छपते ही भूचाल सा आ गया फ़िल्म इंडस्ट्री में । रवि जी का डाइवोर्स केस तो वैसे ही फाइनल स्टेज में था कोई इशू था तो यही कि उनकी बेटी किसके साथ रहेगी ?कोर्ट ने फैसला पिता यानी रविजी के पक्ष में दिया।  

अनिता जी के कैरियर का क्या हुआ होगा ?आप भी कुछ अंदाजा लगाइए न ,सब कुछ मैं थोड़े ही लिख दूंगी ?

और हां अगले महीने ही लंदन असाइनमेंट पर जा रही हूँ ,सी यु there.


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