आइये,मिल के भृष्टाचार का मज़ा लें
आइये,मिल के भृष्टाचार का मज़ा लें
भ्रष्टाचार के खिलौने से खेलते हैं वो लोग,
जिनके दिल में नैतिक मूल्यों की जगह खोखली जगह है।
जनता का खून चूसते हैं, अपने लाभ के लिए,
और उनकी आवाज़ को दबाते हैं, अपनी राजनीतिक खेलने की खातिर।
भ्रष्टाचार वो आग है, जो जनता के आशा को जला देती है,
सच्चाई की पुकार दबी हुई है, और नैतिकता की राहों में अटकी हुई है।
हर सरकार और मुखौटा, बस खुद का आगाज़, विश्वास टूटा,
श्रद्धा चूर-चूर हो आधरित, और जनता की आवाज़ को दबाते हैं।
भ्रष्टाचार का पैमाना आंखों से नहीं नापा जा सकता,
ये वो आग है, जो जनता के दिलों को जला देती है।
अगर हम इसे रोक नहीं सकते, तो यह विकराल रूप धारण कर,
हम सबकी ज़िन्दगी में बहुत गहरा असर कर जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलौने से खेलने वालों को समझाना होगा,
कि ये खेल नहीं, जनता के जीवन की खेलने की खातिर नहीं है।
हमें आगे बढ़कर नैतिकता की राहों में चलना होगा,
ताकि भ्रष्टाचार की आग को बुझाने का काम हम सब मिलकर कर सकें।