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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा बाबा

Romance Tragedy

4.0  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा बाबा

Romance Tragedy

जिंदगी है कट जायेगी

जिंदगी है कट जायेगी

1 min
200


देख जमाने भर में है निंदा

फिर भी मोहब्बत है जिंदा,

प्यार की छांव में नहीं है,

फिर भी जलता दिल है जिंदा।

लगी है चोट दिल पर

आंखें नम हैं गमजदा,

सोचा नहीं एक बार भी,

मेरा क्या होगा बेवफा।

यूं ही गुजर जायेगी,

जिंदगी है कट जायेगी,

उल्फत न सही तेरी,

यादों के सहारे गुजर जायेगी।


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