तुम्हारा सुन्दर चेहरा ही तुम्हारा दुश्मन है तुम्हारा सुन्दर चेहरा ही तुम्हारा दुश्मन है
“रक्त बीजरूपी “कोरोना वायरस ,के महामारी से विश्व की रक्षा कर सकती है। “रक्त बीजरूपी “कोरोना वायरस ,के महामारी से विश्व की रक्षा कर सकती है।
उसकी आँखों से पश्चाताप पिघल कर बहने लगे। उसकी आँखों से पश्चाताप पिघल कर बहने लगे।
और कार में उसे रौंदने लगा। उसे आत्मिक खुशी हो रही थी। बाहर चाँदनी छिटकी हुई थी। और कार में उसे रौंदने लगा। उसे आत्मिक खुशी हो रही थी। बाहर चाँदनी छिटकी हुई थी।
अब एक दूसरे को क्यों इतनी बुरी मौत देने चाहते हैं। अब एक दूसरे को क्यों इतनी बुरी मौत देने चाहते हैं।
लिखने वालों को भी अकेलापन कभी छू सका है क्या भला ? लिखने वालों को भी अकेलापन कभी छू सका है क्या भला ?