जिन्दगी एक उत्सव हैं
जिन्दगी एक उत्सव हैं
जिन्दगी को एक उत्सव कि तरह जिंयों।
हर नया दिन यादगार बनायें।
जिन्दगी इतनी छोटी लगेेंगी।
कि कब समय निकल गया पता ही नहीं चलेगा।
हम जिन्दगी का लुत्फ उठाएं।
कभी किसी से शिकवा गिला नहीं करें।
जिन्दगी हमारी हैं हमें हमारे हिसाब से जीना हैं।
हम किसी कि देखा-देखी नहीं करें।
जिन्दगी में खुद कि अकल से निर्णय लेंगे।
तब कहीं जाकर जिम्मेदारी हमारी रहेेंगी।
किसी के भरोसे नहीं रहें निष्पक्ष बातें समझें।
सामाजिक भाईचारा इंसानियत जिंदा रहनी चाहिए।
पारिवारिक माहौल उत्सव त्योहारों जैसा रखियेगा।
फिर देखिएगा जिन्दगी में कितनी ख़ुशी महसूस होगी।
और जिन्दगी में हम सदैवआनंदित रहेंगे।जय हिन्द