जिद्दी बेटियाँ
जिद्दी बेटियाँ


पिता ने कहा- "बेटी, फौज की नौकरी बहुत चैलेंजिंग होती है।"
बेटी बोली- "कोई बात नहीं पापा, मुझे चैलेंज स्वीकार है।"
माँ बोली- "बेटी, फौज में लड़कियों के लिए लड़कों जैसी जगह नहीं है।"
बेटी बोली- "माँ, जगह खुद बनानी पड़ती है।"
भाई गुस्से में बोला- "बहुत जिद्दी हो गई है तू। किसी की सुनती ही नहीं।"
बहना बोली- "हाँ, लेकिन मैं पायलट ही बनूंगी।"
और एक दिन उस जिद्दी लड़की ने एयरफोर्स में पायलट बनकर अपना सपना साकार किया।
एक दिन बार्डर पर भीषण युद्ध छिड़ा।
जिद्दी लड़की युद्ध क्षेत्र में जाने के लिए जिद करने लगी।
आफिसर ने कहा- "पायलट अंकिता, मैं तुम्हें युद्ध क्षेत्र में नहीं भेज सकता।"
पायलट ने जवाब दिया- "क्यों आफिसर ?"
"क्योंकि तुम लड़की हो।"
"मैं लड़की हूँ, क्या मतलब ?"
"मतलब कि वहाँ तुम्हारी सुरक्षा को खतरा है।"<
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"सर मैं लड़की होने से पहले एक फाइटर पायलट हूँ। आप मेरे साथ ऐसा भेदभाव नहीं कर सकते !"
आफिसर निरूत्तर हो गया। उसने अंततः अंकिता को विमान उड़ाने की इजाज़त दे दी।
युद्ध क्षेत्र में अंकिता के विमान ने भयंकर तबाही मचाई।
दुश्मन के कई टैंक तबाह कर डाले।
इसी दौरान दुश्मन की एक मिसाइल अंकिता के विमान से टकराई।
एक जोर का धमाका हुआ।
अंकिता के घर पर बहुत भीड़ लगी थी।
गांव का हर व्यक्ति आज अंकिता के दर्शनों के लिए बेचैन था।
फौजी वाहन आया, जिसमें से अंकिता का पार्थिव शरीर बाहर निकाला गया।
अंकिता के पापा ने अंकिता के पार्थिव शरीर को देखने के लिए शव से चादर हटाई।
उनकी पलकों से आँसू फूट पड़े- "जिद्दी बेटियाँ, फौज में भर्ती होने के बाद घर वापस नहीं लौटतीं, केवल उनकी वर्दी वापस लौटती है।"