पहली बार
पहली बार
वह कौन थी। मुझे नहीं पता। उसका क्या नाम था, वह भी मुझे नहीं पता। मुझे तो बस इतना पता है कि वो बैंक के काउंटर नम्बर 7 में बैठती है। इस काउंटर में बैठकर वह बैंक ग्राहकों के कैश डेबिट, कैश क्रेडिट आदि कार्यों को सम्पन्न करती थी। जब उसे मैंने पहली बार देखा, तब भी मैं चालान लगाने के लिए ही बैंक में आया था। उस दिन जब बैंक में पहुँचकर मैंने पीआन से टोकन मांगा, तो उसने टोकन के पीछे 7 लिखकर मुझे काउंटर नंबर 07 में भेज दिया। काउंटर 07 में ग्राहकों की लंबी कतार लगी थी। मैं भी पुरूषों वाली लाइन में पीछे से खड़ा हो गया। मेरी नज़रों ने जब उसे देखा तो उन्हें लगा जैसे उन्होंने आज पहली बार खूबसूरती की परिभाषा पढ़ी हो।