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Pawanesh Thakurathi

Children Stories

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Pawanesh Thakurathi

Children Stories

दादी माँ

दादी माँ

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 दादी माँ अकसर अपने प्यारे रोहन को परियों की कहानियाँ सुनाया करती थीं। एक दिन दादी माँ चल बसीं।

दादी माँ के निधन के बाद एक दिन रोहन ने अपनी मम्मी से कहा- "मम्मी, मुझे परियों की कहानी सुनाओ !"

मम्मी ने कहा- "बेटा, मेरे पास टाइम नहीं है।" यह कहकर उन्होंने टी०वी० आन कर दी। रोहन टी०वी० में कार्टून देखने लगा।  

कई साल गुजर गये। रोहन अब बड़ा हो चुका था। दादी माँ के गुजरने के बाद उसने किसी के मुंह से एक बार भी परियों की कहानी नहीं सुनी। उसे अब एहसास हो चुका था कि दादी माँ अपने साथ न जाने कितनी कहानियों की किताबें ले गईं।   



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