विश्वास का फल
विश्वास का फल
रात्रि का समय था। महाराज शिवाजी अपने सेनानायक के साथ बातचीत कर रहे थे। सेनानायक- "महाराज मुगलों की सेना बहुत अधिक है। कहीं जागकर उन्होंने हमला कर दिया तो..?" शिवाजी- "आप विश्वास रखिये। हम अवश्य विजयी होंगे।" ऐसा कहकर शिवाजी ने स्वयं नेतृत्व संभाला और मुगलों पर रात्रि में हमला कर दिया। हमले के फलस्वरूप मुगल भाग खड़े हुए और मराठों को विजय मिली। यह मराठों के पराक्रम के साथ-साथ शिवाजी के दृढ़ विश्वास का फल था।