Kumar Vikrant

Romance

4  

Kumar Vikrant

Romance

इश्क की एनिवर्सरी (प्रांप्ट १०)

इश्क की एनिवर्सरी (प्रांप्ट १०)

4 mins
435


"अरे वाह, पूरे छह महीने बाद याद मेरी याद आई है सिड; ऐसा तो नहीं कि फोन किसी और को करना था लेकिन गलती से मुझे फोन कर दिया?"

"नहीं प्रिया मैंने तुम्हे ही फोन किया है......."

"क्यों अदिति ने तुम्हारा साथ छोड़ दिया? तुम तो उसके चक्कर में मुझे धोखा देने की कोशिश कर रहे थे।"

"नहीं प्रिया, अदिति तो सिर्फ एक सहकर्मी है, उस समय एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में मुझे उसका साथ देना था इसलिए........"

"इसलिए तुम खुलेआम अदिति देवी के साथ घूमने लगे, पार्को में नजर आने लगे, सिनेमा और रेस्त्रां में नजर आने लगे, सोशल मिडिया पर तुम दोनों की इकट्ठी तश्वीर निकलने लगी.......सिड तुम एक बेवफा इंसान हो; तुमने मुझे धोखा दिया था।"

"ये पब्लिशिंग इंडस्ट्री के स्टंट थे, हम दोनों की बुक छप रही थी, पब्लिशर ने बुक को पॉपुलर करने के लिए जो भी कहा वो हमे करना पड़ा।"

"अच्छा उस बुक के बाद तो तुम दोनों अलग-अलग लिखने लगे थे, लेकिन तुम तो फिर भी उसके साथ ही नजर आते रहे।"

"प्रिया हम दोनों की इकट्ठी लिखी बुक 'किलिंग फील्ड' एक बेस्ट सेलेर थी, पब्लिशर के कहने पर हम उस बुक का विस्तार कर एक भाग और लिख रहे थे इसलिए हम दोनों फिर एक साथ नजर आ रहे थे।"

"चलो तुम्हारी बात ही सही मानती हूँ, तुम तो अच्छा लिखते हो, तुम्हे अदिति जैसी घटिया लेखिका के साथ बुक लिखने की क्या जरूरत थी? सिड तुम एक फ़्लर्ट हो, तुम एक लड़की के साथ खुश नहीं रह हो, तुम्हे अपने मनोरंजन के लिए तुम्हारे इर्द-गिर्द लड़कियों की भीड़ चाहिए फिर वो भीड़ अदिति जैसी मतलबी लड़कियों की ही क्यों न हो।"

"प्रिया बहुत कुछ कहने के लिए है मेरे पास लेकिन मुझे तुम्हारे बिना जीने की आदत नहीं है, मैं अपनी वही पांच साल पुरानी प्रिया की तलाश में भटक रहा हूँ। क्या मुझे प्रिया मिलेगी?"

"तुम्हे उसी प्रिया की तलाश है न जिस पर तुमने अमन के साथ होने का इल्जाम ऐसे ही लगा दिया था।"

"प्रिया गलती हो गई थी मुझसे, लेकिन अब मुझे पता लग चुका है कि तुम मेरी जिंदगी का वो हिस्सा हो जिसके बिना मैं अधूरा हूँ, प्लीज पुराना सब भूल कर आगे बढ़ते है न।"

"सिड किसी पर आरोप लगाकर फिर उसके साथ प्रेमालाप करना कितना आसान है न तुम्हारे लिए......"

"प्रेमालाप नहीं प्रिया यह वही प्रेम है जिसके सहारे हम दोनों जीवन के सफर में एक साथ रहने वाले थे, ये अदिति और अमन तो इस सफर की वो कठिनाइयां है जिन्हे हमे एक साथ मिलकर दूर करना है और फिर आगे का सफर करने के लिए आगे बढ़ जाना है। प्लीज प्रिया एक मौका और दो न मुझे।"

"सोच कर बताऊँगी, मुझे सोचने का वक्त दो.......तुमने जो आँसू मुझे दिए थे वो अभी भी सूखे नहीं है........वैसे आज अचानक ये फोन काल की कैसे सूझी तुम्हे? कुछ खास है क्या आज?"

"ख़ास है न प्रिया, पाँच साल पहले मुझे आज के दिन प्रिया नाम की एक बहुत ही खूबसूरत, बहुत ही अच्छी दोस्त मिली थी......आज हमारी फ्रेंडशिप की एनिवर्सरी है।"

"अरे वाह बहुत अच्छी याददाश्त है तुम्हारी.......बस इसी वजह से फोन किया?"

"नहीं बस बेचैन था तुमसे बात करने के लिए, इसलिए फोन किया।"

"सिड थोड़े मैच्योर हो जाओ यार, तुमने अमन को लेकर जिस तरह मुझ पर शक किया था, सच कहूँ उसके बाद तो मेरा प्रेम शब्द से भरोसा ही उठ गया है, तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूँ, अमन अब भी मेरे ऑफिस में काम करता है......"

"करता होगा, सच बताओ क्या तुम्हे उससे प्रेम है? अगर है तो मैं तुम्हारे प्रेम की इज्जत करूँगा और......."

"और फिर दो साल के लिए गायब हो जाओगे, सिड के बच्चे सुधर जाओ अगर मुझे तुम्हारे अलावा किसी और का हाथ थामना होता न, तो आज तुमसे इतनी देर तक बात न कर रही होती......एक बात जान लो प्रेम सिर्फ एक बार ही होता है उसके बाद जो होता है सिर्फ खेल होता है, अपने मन से पूछना कि क्या मैं तुम्हारे प्रेम में थी या किसी और के प्रेम में थी, तुम्हे जवाब मिल जाएगा।"

"जवाब मिल चुका है प्रिया........"

"तो फिर अमन को लेकर वो बेहूदा सवाल क्यों?"

"तुम्हारे खो जाने के अहसास से हताश हो जाता हूँ; बस पता नहीं क्या-क्या अनाप शनाप बकने लगता हूँ।"

"हाँ बदजुबान तो तुम बन चुके हो, शाम को ब्लू इंक कैफे पर मिलो वहीँ तुम्हारी इस बेलगाम जुबान पर लगाम लगाउंगी, आखिर आज हमारे इश्क की एनिवर्सरी है न.....पार्टी तो बनती है न?"

"हाँ प्रिया पार्टी तो बनती है......."

"आते टाइम अपने वो बेस्ट सेलर नॉवेल भी लेते आना, मुझे पढ़ना नहीं है देखना है कि चुड़ैल अदिति के साथ तुम्हारा नाम कैसा लगता है।"

"बिलकुल.....लेता आऊंगा।"

"तो शाम तक के लिए बाय।"

"बाय प्रिया।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance