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Kunda Shamkuwar

Abstract Romance Others

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Kunda Shamkuwar

Abstract Romance Others

इश्क़ डिजिटल वाला

इश्क़ डिजिटल वाला

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46

इश्क़…

इब्तदा…

इल्तिज़ा… 

इबादत… 

इशारा… 

इमकान…

इंतज़ार…

इसरार…

इजहार…

इक़रार…

इंतहा…

इनकार…

इम्तिहान…


कैसे यह कहानी शुरू से शुरू हुयी? बिना कोई इशारा दिए…एक बार निगाहें मिली... और एक इल्तिज़ा…

मिलना हुआ…नज़रें मिली…इसरार हुआ…इतने इसरार के बाद तो इश्क़ का इज़हार होना ही था…कभी इंतज़ार…कभी इसरार…इनकार की कोई वजह थी ही नहीं…बिना किसी इमक़ान से इश्क़ की इब्तदा हो गयी…

किसी परी कथा की तरह…

इक़रार हुआ और इश्क़ परवान चढ़ता गया…वह इश्क़ ही था और बिना इम्तिहान के इश्क़ कैसा? इश्क़ में तेरा मेरा कैसा? इश्क़ में या तो सब कुछ होता हैं या तो कुछ भी नहीं होता… हाँ, बिल्कुल डिजिटल वाला…जिसमें zero होता हैं या one..

इश्क़ में मिडल पाथ की गुंजाइश कहाँ होती हैं… 














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