Sunil Kumar

Abstract Drama Others

3.5  

Sunil Kumar

Abstract Drama Others

इंसानियत बची है क्या ???

इंसानियत बची है क्या ???

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केरल के मलप्पुरम में गर्भवती हथिनी की हत्या मां मां मुझे भूख लगी है मां - बेटा रुको मैं देखती हूं कुछ खाने को मिले तो। बेटा - हां मां जल्दी मुझे बहुत जोर से भूख लगी है मां- मिल गया, उधर थोड़ी दूरी पर एक गांव नज़र आ रहा है वहां इंसान रहते है हमें वहां से खाना मिल जाएगा। बेटा - मां ये इंसान हमें खाना क्यों देंगे हम तो जानवर है ? मां - हाहाहा बेटा तुम्हें नहीं पता ये इंसान बहुत अच्छे होते है ये लोग जानवरों की भी पूजा करते है जो हमारी दीदी है न गाय .....ये इंसान उन्हें मां कहते है ये बहुत अच्छे है ये हमें खाना जरूर देंगे।

थोड़ी देर बाद मां - बेटा मिल गया खाना...कुछ लोग हमारी तरफ एक फल लेकर आ रहे है। बेटा - मां जल्दी खाओ और भोजन मुझ तक पहुंचाओ। मां - हां हां मेरे बच्चे थोड़ा रुक जाओ ....

मां फल उठा कर खाती है मां - ये लो बेटा अब शायद भूख मिट जाएं। बेटा - मां ये आपने क्या खाया...मेरा दम घुट रहा है ...मां - हां मुझे भी कुछ अच्छा सा नहीं लग रहा बेटा - मां मुझे बचाओ मैं मरना नहीं चाहता, आप तो कह रही थी ये इंसान बहुत अच्छे होते हैं तो इन्होंने हमारे साथ ऐसा क्यों किया ?.. हमें क्या खिलाया इन्होंने?? मां - मैं तो तुम्हें इंसान के पास लाई थी लेकिन नहीं मुझे ये इंसान नहीं लगते है ये हम इंसानियत की दुनिया में तो बिल्कुल नहीं है।

मेरा अब दम खुट रहा है बेटा मुझे माफ़ करना मैं तुम्हें इन इंसानों के पास भोजन खिलाने लाई, इस दुनिया में इंसानियत नहीं बची बेटा इस दुनिया में इंसानियत नहीं बची।


कुछ ऐसा ही हुआ होगा, ये बात काफी शर्मसार है जहां एक तरफ पूरा विश्व कोरोना महामारी से मर रहा है जहां हर कोई एक दूसरी की जान बचाने के लिए कोशिश कर रहा है वहीं ये एक घिनौना नज़ारा सामने आया...न जाने हम किस इंसानियत पर गर्व करते है जब हमारे अंदर कोई भावनाएं नहीं, हमारी दुनिया में आज भी अमीर - गरीब, ऊंचा - नीचा, श्वेत - अश्वेत जाति - धर्म में भेदभाव चलता है इन सब में कौन सी इंसानियत बची दिख रही है ?? 2 महीने लेकर 80 वर्ष की महिलाओं के साथ आए दिन बलात्कार होते है इसमें कौन सी इंसानियत बची हुई दिख रही है ?? इंसानियत होगी कहीं तब बचेगी न .......कोरोना महामारी में सबके जुबान पर हे भगवान हे अल्लाह हे गोड हमें बचाओ हमें बचाओ है इस प्रलय से हमें बचाओ है ।लेकिन जिन जानवरों के पास जुबान नहीं वो किसे पुकारे... ? वो आस पास हमें देख कर हमारे पास ही तो आएंगे ,क्योंकि उन्हें विश्वास है इंसानियत में ...उन्होंने देखा है एक कुत्ते को लोगों के घर का सदस्य बनते, एक गाय को मां दर्जा मिलते। अगर तुम किसी अन्य जानवर को कोई विशेषता नहीं दे सकते तो कम से कम उनके साथ ऐसा घिनौना काम तो न करें वरना कोई फायदा नहीं किसी कुत्ते को घर का सदस्य बना कर और गाय को मां कहकर बुला कर ।।।


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