Sunil Kumar

Drama Others

5.0  

Sunil Kumar

Drama Others

हर कोई गलत हो सकता है

हर कोई गलत हो सकता है

5 mins
700


आयुश – सुन रवि मार्केट चल तो कुछ समान लाना है , मेरा साथ भी हो जायेगा और तेरी वाकिंग भी l

रवि - कान में हेड्फोन लगा और चुप -चाप चले जा कुछ नही होता तुझे l

आयुश- डूब मर साले तू यही ,,, चल मैं चलता हूँ !

आयुश अकेले ही मार्केट को निकल पड्ता है , अगली गली में कुछ लड्किया थी जो आपस में मजाक मस्ती कर रही थी उन्होने आयुश को अकेले आते देखा और उसके साथ प्रेंक करने की सोची !

जया- गर्ल्स आज बहुत मस्ती कर ली अब घर चलते है !

दिव्या- यार कभी-कभी ही तो मिलते है हम लोग उसमे भी तुम्हे जाने की जल्दी लगी होती है , रुको थोड़ा चलते है अभी !

प्रिया – अरे वो देखो एक लड्का आ रहा है उसे छेड्ते है !

जया – अरे चल पागल है क्या, आपस में मजाक सही है दुसरो को तंग मत करो !

प्रिया – अरे इनके लिए इतना मत सोच अभी इसकी जगह कोई लड्की और हमारी जगह लड्के होते तो अकेली लड्की को देख के उसके पीछे पड़ जाते कुत्तो की तरह ,,,आओ यार मजे करते है !

दिव्या – हाँ बोल तो सही रही है आजा आज इसे इनके तरीके से छेड्ते है !

जैसे ही आयुश वहाँ आता है –

प्रिया – ओये हिरो क्या देख रहा है इधर ?

ये आयुश ने सुना नही क्योकि वो हेड्फोन लगा के गाने सुनते हुए आगे जा रहा था , इतने में जया और दिव्या प्रिया पर हँसने लगी ये सब प्रिया को अपनी बेज्ज्ती जैसी लगी उसने अपनी बेज्ज्ती का बदला लेना चाहा और तुरंत आयुश के आगे जाके उसे रोकने लगी , आयुश तभी अपना हेड्फोन निकाल कर कह्ता है ,

आयुश- अरे क्या हुआ तुम मेरे आगे आके रास्ता क्यो रोक रही हो ?

प्रिया – अच्छा तुझे क्या लगा तु हमें घूरता रहेगा और हम कुछ नही कहेंगे !

आयुश –क्या???? तुम लोग हो कौन ? मैं तुम्हे जानता तक नही , और रही घूरने की बात मैं गाने सुनते हुए जा रहा था !

दिव्या – अब बहाने मत बना चुप –चाप सोरी बोल और निकल यहाँ से...

दिव्या ,प्रिया आपस में अन्दर से हँस रहे थे लेकिन वो ये नही जानते थे कि ये मजाक कितना भारी पडेगा !

आयुश – किस बात का सोरी ? जबर्द्स्ती है क्या जब मैं तुम्हे देखा ही नही , हटो मुझे जाने दो !

दिव्या – ओये सुन कहा जा रहा है क्या समझा है लड्कियो को , रुक अभी बताते है !

तभी वहाँ से एक आदमी आया और प्रिया ने मजे में उससे कहा – अंकल ये लड्का हमें छेड़ रहा है !

प्रिया ने सोचा एक बुजुर्ग आदमी है थोडा डांट लगा के चला जायेगा लेकिन वो आदमी थोडा गंभीर था इसीलिए उसने ये सच समझा और वो पलक झपकते ही भीड़ लेकर आ गया और भीड़ के साथ-साथ खुद भी आयुश को पीट्ने लगा , उन्होने आयुश को कुछ कह्ने का कोई मौका नही दिया वो यह कह कर पीटते रहे कि तुम जैसे लोगो ने समाज को बदनाम कर के रखा है तुम लोगो की वजह से देश की लड्किया सुरक्षित नही है ,आज तेरी ऐसी हालत करेंगे कि आज से किसी लड्की को बुरी नजर से नही देखेगा !

जया,दिव्या और प्रिया को अब कुछ समझ नही आ रहा था वो लोग खुद पर शर्म कर रहे थे उन्होने भीड़ को रोकना चाहा लेकिन कोई सुनने को तैयार नही था !

आयुश के दोस्तो को पता लगा कि दूसरी गली में कुछ हुआ है तो वो देखने वहाँ पहुचे और वहाँ अपने दोस्त को अधमरा देखा उन्होने भीड़ से माफी मांगी और आयुश को वहाँ से ले गए !

उन्होने आयुश से सारी बाते पूछी उन्हे आयुश पर विश्वास था इसीलिए उन्हे उन लड्कियो पर बहुत गुस्सा आ रहा था !

तभी जया,प्रिया और दिव्या वहाँ पहुचे ,,,,,,,,,,,,,,,

प्रिया – सोरी हमें माफ कर दो ये सब हमारी वजह से हुआ है हम लोग प्रेंक कर रहे थे हमें नही पता था कि ऐसा कुछ होगा !

दिव्या – सिरियस्ली हमें लगा कि वो अंकल थोडा डांट कर चले जायेंगे और फिर हम तुम्हे बता देते कि हम मजाक कर रहे है लेकिन जो हुआ उसके लिए सोरी ………………!

रवि – तुम बेवकूफ हो क्या थोडी सी अक्ल नही भरी तुममे वो तो हम नही आते तो वो लोग इसे मार ही देते !

आयुश – अरे कोई नही रवि इसमे इनकी भी क्या गलती इन्होने भी ये सब मजाक में किया ये जानते कि कुछ ऐसा होगा तो ये भी शायद नही करते !

जया – जी हमारा कोई मकसद नही था ये सब हम बस मजाक में ये सब कर गए सोरी ...!

आयुश – अरे सोरी मत बोलो गलती तुम्हारी नही और गलती उनकी भी नही जिन्होने मुझे मारा, वो बस हमारा समाज इन मुद्दो पर कुछ जल्दी रिएक्ट करता है क्योकी आये दिन वो भी लड्कियो के साथ छेड-छाड की खबरे टी.वी.,अखबार में देखते रह्ते है तो उनका ये सब करना स्वाभाविक है , और ऐसे मुद्दो में अकसर ये समझा जाता है कि गलती लडके की ही होगी इसीलिए उन्होने मेरी एक बात नही सुनी क्योकी वो हमेशा एक पहलु देखते है और दुसरे पहलु की तरफ देखते तक नही !

दिव्या – हाँ तुम सही कह रहे हो ये बात सोचने वाली है ,समाज को दोनो तरफ की बात सुन कर रिएक्ट करना चाहिए क्योकी गलतिया लड्कियो से भी होती है और कई बार लड्किया भी गलत होती है लेकिन गलत हमेशा लड्का माना जाता है , जैसा अभी हम सब के साथ भी हुआ !

रवि- इतनी समझदार थी तो नासमझो वाली हरकत क्यो की ?

प्रिया – हम बस मजाक कर रहे थे अब कितनी बार सोरी बोले हम???

आयुश- अरे ये मजाक कर रहा है सोरी की जरुरत नही बस आगे से ध्यान रखना ऐसा न हो,,, हम मानते है '"कुछ लड्के ऐसी गलत हरकते करते है लेकिन सारी गलत हरकते लड्के ही नही करते""


नमस्कार – यह कहानी काल्प्निक है लेकिन देखा जाए तो यह आज के समाज का सच बताती है जब भी कोई ऐसा मुद्दा सामने आता है तो हम अकसर एक सिरे को देख कर, उसकी बात सुन कर दूसरे की गलती का अनुमान लगा लेते है और जबकी गलती लड्के की भी हो सकती है और लड्की की भी , हम हमेशा ऐसे मुद्दो में लड्के को गलत समझते है लेकिन ऐसा जरुरी नही, कई बार गलती लड्की की भी होती है इसीलिए हमें दोनो की बात सुन कर किसी एक की गलती का अनुमान लगाना चाहिए क्योकी कुछ लड्को की गलत हरकतो से हम ये अनुमान नही नही लगा सकते कि सारी गलत हरकतें लड्के ही करते है !


“ सम्मान किसी लिंग(स्त्री,पुरूष) का नही सम्मान उसका होना चाहिए जो सम्मान के लायक हो"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama