डोली में बैठने से पहले ही बाबुल को छीन लिया डोली में बैठने से पहले ही बाबुल को छीन लिया
ये कहानी हमें ख्वाबों और हक़ीक़त की दुनिया के बीच के अंतर को बताती है। हमें छोटी छोटी ख़ुशियों में खुश... ये कहानी हमें ख्वाबों और हक़ीक़त की दुनिया के बीच के अंतर को बताती है। हमें छोटी छ...
भीड़ से मैंने पूछा, “बताओ तुम लोग किसका मज़ाक बना रहे हो, उस कुदरत (प्रकृति) का, भीड़ से मैंने पूछा, “बताओ तुम लोग किसका मज़ाक बना रहे हो, उस कुदरत (प्रकृति) का,
"बस तीस दिन और... फिर घर जाकर माँ के हाथ की बनी कचौड़ियां खाऊंगा । कार की क्या हालत हुई होगी ! और उस... "बस तीस दिन और... फिर घर जाकर माँ के हाथ की बनी कचौड़ियां खाऊंगा । कार की क्या ह...
पति से तलाक लेने आई थी, शायद यही उसकी ग़लती थी और इसलिए मज़ाक बन कर रह गयी थी पति से तलाक लेने आई थी, शायद यही उसकी ग़लती थी और इसलिए मज़ाक बन कर रह गयी थी
मैं जहाँ भी घूमने जाती, वही अपना भविष्य ढूंढने लगती। मैं रोज उपवन में दौड़ने जाती थी, वहां माली का घर... मैं जहाँ भी घूमने जाती, वही अपना भविष्य ढूंढने लगती। मैं रोज उपवन में दौड़ने जाती...