हत्यारा
हत्यारा
शुभी का मृत शरीर फांसी पर लटका देख उसकी सहेली रीना का कलेजा मुँह को आ गया ।दुखी है वह ,इस बात से रानी अनजान ना थी पर उसके दुख उसे फाँसी की डोर में लटका देंगे ये उसने नही सोचा ।आँखों से आँसू लगातार बहते जा रहे थे उसकी ,उसे कल की ही बात याद आ गई जब शुभी ने उसे बताया कि मैं इतना कमा रही हूँ फिर भी मेरे पति करन को दहेज का इतना लालच है कि वह अक्सर उसके मायके फ़ोन कर उसके माँ बाबा को तंग करता रहता है ,इसके अलावा आजकल उसने पीने की भी लत लगा ली है , उसके व्यवहार से शुभी त्रस्त हो चुकी है ।
"रात और दिन के उसके अत्याचारों से मेरी आत्मा मर चुकी है , तन तो कम घायल है पर मन सच मे पूरी तरह मर चुका है मेरा हत्यारा है वह ,एक हत्यारे के साथ अब जीवन गुजारने की इच्छा मर चुकी है मेरी ।"
"चल ऐसा नही कहते! हर रात के बाद एक सुबह जरूर आती है तेरा पति भी जरूर एक दिन सुधरेगा और उसे अहसास होगा कि उसने तेरे साथ क्या गलत किया ।"रानी उसे समझाते है बोली ।
"पर मेरी सहनशक्ति भी तो खत्म हो रही है ,उसका क्या ,मैं टूट चुकी हूँ ,बुरी तरह "
रानी के समझाने वह शांत हुई पर उस रात घर मे क्या हुआ ऐसा जिसने शुभी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया ।
शुभी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया ,रानी शुभी के पिता और भाई को ढाढ़स बंधा रही है तभी उसके मोबाइल पर मैसेज आता है सुबह से नेटवर्क नही होने से उसने मोबाइल आज चलाया ही नही ।
पर अपने नाम शुभी का मेसेज देख वह उसे एक क्षण में पढ़ जाती है ,और पढ़कर जोर जोर से चिल्लाती है "यही है वो शुभी का हत्यारा गिरफ्तार कर लो इसे ,इसने ही मारा है शुभी को "
सब आश्चर्य से रानी का चेहरा देखने लगते हैं कि ये क्या कह रही है ।
"हाँ इंस्पेक्टर साहेब पढ़िए ये शुभी का मेसेज "
जिसमे लिखा था ,
प्रिय रानी,
दर्द जब हद से गुजर जाता है तो वह दवा बन जाता है अपने पति करन के दुर्व्यवहार से मैं अंदर तक जख्मी हूँ , रोज रोज मेरी आत्मा का छलनी होना ,अपने स्वाभिमान को यूँ टुकड़े टुकड़े होते देखना शायद मुझसे अब नही हो पायेगा , करन मुझे जीवन भर यूँ टॉर्चर करेंगे और मेरे माँ बाबा मेरा दुख नही देख पाएंगे ,इसीलिए मेरे लिए मौत अब बहुत आसान है ज़िन्दगी बहुत कठिन ।"
आखिरी सांस तक तेरी
शुभी
पत्र को पढ़ते ही इंस्पेक्टर साहेब ने करन को गिरफ्तार कर लिया , करन के मुंह से बोल नही फूट रहे थे । उसकी आँखों मे आँसू जरूर थे वे गिरफ्तारी के थे या पश्चाताप के ये कोई नही समझ सका ।