Manju Saraf

Inspirational

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Manju Saraf

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जिसने की मेरी रक्षा

जिसने की मेरी रक्षा

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आरोही की आदत थी रोज सुबह और शाम वॉक पर जाने की, आदत आज की नई नहीं बरसों पुरानी थी।

सुबह वह 6 बजे उठती और साढ़े 6 तक निकल जाती बाहर घूमने इससे उसके अंदर दिन भर एनर्जी रहती, बहुत अच्छा महसूस करती वह, साथ ही फिट रहने के लिए भी जरूरी था अगर आप दूसरी कोई एक्सरसाइज नहीं कर रहे तो सुबह, शाम टहल लो भाई एक या दो किलोमीटर मन भी खुश और तन भी स्वस्थ, वह यही सलाह सबको देती।

कुछ दिनों से उसकी बेटी भी हॉस्टल से घर आई हुई थी वह भी अपनी माँ के साथ रोज निकलती घूमने। एक दिन आरोही की बेटी ने देखा जब भी वे घूमने निकलती हैं पीछे से एक कुत्ता रोज साथ साथ चलता है, शुरू शुरू में तो उसे बड़ा डर लगा "माँ एक लकड़ी की डंडी लेकर चला करो, यह रोज हमारे पीछे आता है, एकाध बार मारोगी इसे,तभी डरेगा और पीछे नहीं आएगा।"

आरोही हँस दी और बोली " बेटा मैं रोज निकलती हूं घूमने,तो यह पीछे रोज ही आता है मेरे पर कभी कुछ किया नहीं इसने "

"माँ आप इसे खाने को कुछ देती होगी तभी पीछे लग जाता है " बिटिया मीठी बोली।

"हाँ, रोजाना ही तो रात को घर के सामने आकर खड़ा हो जाता है, तो जो भी रहता है खाने का सामान दे देती हूँ उसे "माँ बोली।

"हुँ तभी तो, क्यूँ अपने इसको ऐसे लहटा लिया है, अब पीछे ही पड़ गया है " मीठी ने कहा।

"चल तू ध्यान मत दे "

"कैसे ध्यान न दूं, डर लगता है, काट न दे, आवारा कुत्ता है, कहीं काट देगा तो इंजेक्शन लगवाना पड़ जायेगा " मीठी थोड़ा नाराजगी जताते हुए बोली।

बात आई गई हो गई।

इस बात को काफी दिन बीत गए, आरोही के पति भी अब उस कुत्ते के रोज घर के सामने आने से परेशान होने लगे अक्सर झल्ला जाते।

पर आरोही का मन दयालु था, उसने अब उस कुत्ते का नामकरण भी कर दिया  "जिमी "

हाँ अब वह इसी नाम से उसे बुलाती, जब भी वह आता घर के सामने,पति चिढ़कर कहते "जाओ वो जिमी आ गया तुम्हारा,उसे कुछ खाने दे दो "

और आरोही हँसती हुई जो भी घर में खाने पड़ा रहता उसे दे देती। आवारा कुत्ते से इस तरह लगाव पति को बिल्कुल पसन्द नहीं था।

आरोही का मानना था कुत्ते वफादार होते हैं जिनका खाते हैं खासकर उनके प्रति।

बिटिया को वापिस होस्टल जाना था सो पति उसे छोड़ने अहमदाबाद गए हुए थे।

शाम का समय था आरोही वॉक के लिए निकली, आज एक पुरानी सहेली भी मिल गई थी सो बात करते और टहलते कुछ ज्यादा ही शाम हो गई, अंधेरा घिर आया था, गार्डन से वापिस लौटते, जल्दी जल्दी कदम बढ़ा वह आ रही थीं, आगे गली सुनसान थी, आरोही अब पछता रही थी बड़ी देर हो गई आज उसके पति भी घर नहीं थोड़ा जल्दी ही लौट आती तो ठीक होता उसे खुद पर गुस्सा आने लगा, उसी समय पीछे से जिमी भी आने लगा, आज उसे उस कुत्ते से भी डर लग रहा था लंबे लंबे डग भरती घर के सम्मुख पहुँची उसी समय कोई अनजान आदमी न जाने कहाँ से आया और उसके साथ ही घर में घुसने का प्रयास करने लगा पर अचानक जिमी पीछे से आया और जोर से उस आदमी पर झपटा और उसे लहूलुहान कर दिया, वह आदमी डर के भाग गया, इस अकस्मात घटना से वह भौंचक्की रह गई। उसका डर, घबराहट अचानक से गायब हो गई एक निरीह प्राणी उसके प्रति इतना वफादार, कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कितनी बड़ी घटना होते होते बच गई आज इस जिमी की वजह से। आज तक सभी इसे आवारा कुत्ता ही समझते थे पर आज इसने कैसे उसकी रक्षा कर अपना कर्ज़ चुका दिया, मन ममता से भर उठा, इंसान धोखा दे सकता है पर ये जानवर नहीं, ये भी प्यार को समझते हैं। आरोही जिमी के नज़दीक गई और उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा " आज तुमने मेरे घर और प्राण दोनों की रक्षा कर साबित कर दिया जो काम इंसान नहीं कर सकता वह तुम कर सकते हो,"

जिमी अपनी पूँछ हिलाने लगा मानो उसे आश्वस्त कर रहा हो ...मेरे होते तुम्हे कुछ नहीं हो सकता।

घर के अंदर से रोटियाँ लेकर उसने जिमी को खाने को दी और अभी फ़ोन पर पति को बताने पर वह चिंतित हो जायेगे कर के कुछ नहीं बताया लेकिन अहमदाबाद से लौटने पर उसने पूरी घटना उन्हें बताई उसके पति भी उस निरीह जानवर जिमी के प्रति कृतज्ञ हो उठे आज उनका मन भी उसके प्रति प्रेम से भर उठा।

कहानी पढ़कर आपको कैसा लगा, बताइएगा जरूर सखियों। आप भी मान रही होंगी न कि कुत्ते से अधिक वफादार प्राणी कोई नहीं हो सकता जो प्रेम आपको उसको देंगे वह आपको दुगुना लौटाएगा, बस प्रेम दें और लें यही मेरी शुभेच्छा है।

मेरी अन्य कहानियों को पढ़ने मुझे फ़ॉलो करें और अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं।


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