स्कूल में प्रिंसिपल थी अब गृहणी हूँ ,स्वेच्छिक निवृत्ति ली है , लेखन मेरा प्रथम शौक है ,कक्षा दसवीं से लिखना शुरू किया ,बहुत से पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ छपीं ,बहुत से सम्मान मिले ,अभी मेरा पहला साँझा लघुकथा संग्रह "स्पर्श ज़िन्दगी का " निकला है ।
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