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Krishna Raj

Romance

4  

Krishna Raj

Romance

हमारी प्रेम कहानी

हमारी प्रेम कहानी

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तेरी मेरी प्रेम कहानी किताबों में किताबों में..

किताबों में भी ना मिलेगी..

आज भी याद है वो दिन... जब हमने तुम्हें पहली बार देखा था, तुम हमसे हमारे ऑफिस का पता पूछ रहे थे।

नमस्ते मेम,, बड़ा शालीन अंदाज था तुम्हारा..

जी कहिये, आप मिस परवार का ऑफिस बता सकती हैं..

हम हमारे ऑफिस का रास्ता बता रहे थे और तुम्हारी नजरें हम पर जमी हुई थीं, जैसे ही हमने तुम्हारी तरफ देखा, तुम झेंप गए।

एक सवाल का जवाब और देंगी, जी पूछिये, आज मिस का मूड कैसा है,

ये क्या सवाल है.. हम ने लगभग आपको घूरते हुए पूछा,

माफ़ कीजिएगा उनके बारे में सुना है, कि कुछ मूडी हैं.. और उनके मूड के हिसाब से उनसे बात करनी पड़ती है,,

उस वक़्त आपका अंदाज हमे इतना मासूम लगा कि ना चाहते हुए भी मुस्कुराए बिना ना रह सके,।

हमने कहा ऐसा कुछ नहीं है,, आप ऑफिस के बाहर बैठिए,

चपरासी आपको भेज देगा..

हम दूसरे रास्ते से अंदर चले गए,,

चपरासी से कहा आपको अंदर भेज दे,,

जैसे ही आपने अंदर कदम रखा, हमे देखकर आपके छक्के छूट गए,

माथे का पसीना पोछते हुए आपने दोबारा हमे नमस्ते किया,, 

कहिये क्या काम है.. 

काम तो मैं भूल चुका,,, पहले आपसे माफी मांगना चाहता हूं,, 

किसलिए,,, 

वो बाहर आपको मूडी बोला,, 

तो,, 

आपको बुरा लगा होगा,,, 

नहीं,, 

आप बताएंगे किस काम से आप मिलना चाहते हैं,, 

मेरे भतीजे का एडमिशन करना है... किसी कारणवश देर हो चुकी है,,, इसलिए आपसे बात करनी थी,, 

ओके,, आप एडमिशन फार्म भरकर, साथ ही एक एप्लिकेशन लगा कर जमा कर दीजिए,, 

और एडमिशन फीस भी... बाहर मिस्टर बघेल से मिलिए वो बाकी जानकारी देंगे.. 

तुम नमस्ते और फिर साॅरी बोलकर चले गए। 

तुम्हारे जाने के बाद हम तुम्हारी बातों को याद करके सोच में पड़ गए कि बाहर हमारी छबि कैसी है.. 

क्या सच में हम मूडी है,,, हाँ बात जरा कम करते हैं,, 

पर मूडी,,,, शायद हो सकते हैं.. 

दो दिन बाद तुम फिर से हमारे सामने थे.. 

नमस्ते मिस.. 

हम ने सिर्फ हल्की सी गर्दन हिलाई थी,,, 

हो गया ना आपके भतीजे का एडमिशन,,, 

जी हो गया,, और हम तेज कदमों से चलते हुए अपने ऑफिस चले गए.. 

कुछ तो था जो बार बार हमारे जेहन में तुम आ रहे थे.. और हम तुमसे मिलने से कतरा रहे थे.. 

तुम रोज हमारे जाने के रास्ते में एक बार टकरा रहे थे.. और हम ना चाहकर भी तुम्हें सोचने लगे थे.. 

और एक दिन तुमने हमे रोक ही लिया.. 

मिस रुकिए प्लीज़.. 

बरबस हमने अपनी स्कूटी रोकी,,, मेरे बाइक का पेट्रोल खत्म हो चुका प्लीज़ मेरी मदद करिए.. 

क्या करना है,,, 

आप रुकिए मैं पेट्रोल लेकर आता हूं या मुझे पेट्रोल पंप तक लिफ्ट दीजिए.. 

हम जरा परेशान हुए.. यहां रुकना हमे ठीक नहीं लगा.. और पेट्रोल पंप काफी दूर था.. दो राउंड होंगे आने जाने में,,, 

हमने कहा चलिए पेट्रोल पंप,... और स्कूटी आपको दे दी,,, 

हम अच्छी तरह जानते थे कि और भी रास्ता निकाल लेते,, पर हम भी बेबस थे.. और वजह???? 

आपकी मदद करके हम घर आ गए.. पर अकेले नहीं,,आपके ख्यालों के साथ,, 

अभिवादन से बात आगे बढ़ी.. हम कभी कभी फोन में बातें करने लगे... 

कल रविवार है,, कहीं बाहर चलें 

और हमने हाँ कह दिया... 

तुमने उस दिन को हमारी जिंदगी का यादगार दिन बना दिया 

तुम्हारा साथ पाकर हमारी जिंदगी के मायने बदल गए।। हम दोनों के पीछे जो जिम्मेदारियां थी उनसे मुक्त होकर अब हमे अपनी जिंदगी भी संवारनी थी.. 

पर??? 

हमारी तकदीर में ईश्वर ने पूर्णता लिखा ही नहीं था.. 

प्यार के तो शब्द में भी अधूरापन है,,, और तुम हमे अधुरा छोड़कर... 

और तुमने जो अधूरी छोड़े वो आज तक पूर्ण ना हो सकी... 


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