गुलदस्ते के फूल
गुलदस्ते के फूल
एक पाठिका ने मुझसे कहा, "आप की बहुत सी कहानियाँ और कवितायेँ स्त्री विमर्श पर होती है। कभी किसी स्त्री के शादी के बाद मोहभंग होने वाले टॉपिक पर भी कुछ लिखिए।"
"अरे,शादी के बाद तो लड़की की दुनिया ही बदल जाती है।यूँ कह सकते है उसकी दुनिया रंगबिरंगी हो जाती है और आप शादी के बाद के मोहभंग की बात कर रही है?"
कुछ पल रुकने के बाद मैंने फिर कहते हुए बात को आगे बढ़ाया। "हमने अपने बड़े बूढ़ों से और तमाम किस्सें कहानियों में यही पढ़ा है की सफ़ेद घोड़े पर एक राजकुमार लड़की को ब्याह कर बड़े महल में ले जाता है। ब्याह के बाद लड़की की जिंदगी पूरी तरह से बदल देता है... वह राजकुमार उस लड़की की जिंदगी में तमाम रंग भर उसकी दुनिया को रंगबिरंगी कर देता है...और आप मोहभंग की बात कह रही है?"
मेरी वह पाठिका अपनी बात पर कायम रहते हुए जोर देकर कहने लगी, "आप एक लेखिका है। किस्से कहानियों की असलियत और बड़े बूढ़ों की बातों की सच्चाई को आप बेहतर जानती है...."
अपनी उस पाठिका का दिल रखने के लिए मैंने कहा, "बीइंग राइटर मैं लड़की की शादी के बाद के मोहभंग पर एक कहानी लिखने की कोशिश जरूर करूँगी...."
रात को मैं हमेशा की तरह लिखने बैठी। कागज़ कलम लेकर मैंने लिखना शुरू किया।मेरी कहानी में लड़की कॉलेज के दिनों में अपनी पढाई में जहीन हुआ करती थी....टॉपर जैसी...कॉलेज के लेक्चरर्स को उससे ढेर सारी उम्मीदे थी।
लेकिन उम्र का तकाज़ा कह लो या फिर प्यार का नशा... वह लड़की कॉलेज के एक लड़के को बेतहाशा चाहने लगी... उसे उस लड़के से प्यार हुआ था।
प्यार!!!
वही प्यार जो ऊँच नीच नहीं देखता...
वही प्यार जो अमीरी गरीबी नहीं जानता...
वही अँधे प्यार वाला ब्लाइंड लव....
किसी के समझाने से जो समझ नहीं आता है...या समझना नही चाहता है...
फिर क्या?
कहानी में एक लेक्चरर ने उसे पढ़ाई में ध्यान देने के लिए भी समझाया था।लेकिन लड़की ने उनकी बातों की तरफ़ ध्यान नही दिया। और एक दिन वह उस लड़के के साथ भाग गयी....उनके भागकर शादी करने की न्यूज़ कॉलेज में आग की तरह फ़ैल गयी।
दो साल बाद किसी शादी में उन्ही लेक्चरर को वह लड़की गोद में बच्चे को लेकर दिखी।उसे पहचानते हुए भी लेक्चरर ने उसे इग्नोर किया।लेकिन गोद लिए बच्चे को पकड़ कर वह लड़की उनके पास आकर बोलने लगी,"मैम, मैं नीलोफ़र,आप की पुरानी स्टूडेंट.."
कहानी में लेक्चरर ने रूखे शब्दों से कहा,"हाँ, कहो..." नीलोफ़र कहने लगी, "आप सही कह रही थी.. मैंने अपनी पढाई की तरफ ध्यान देना चाहिए था.... अब मै पछता रही हूँ....जिंदगी में सिर्फ प्यार से काम नही चलता। लड़कियों को जिंदगी में प्यार के अलावा भी कुछ चाहिए होता है.... फाइनेंशियल इंडेपेंडेन्सी वगैरह वगैरह। मेरा शादी से जैसे मोहभंग हो गया। अब हाथ मे कुछ बचा नही है।" कहते हुए रोते हुए बच्चे को वह चुप कराने लगी...
पति के लिए वह कुछ खुल कर कह नही पा रही थी।उसकी चॉइस का लड़का जो था। उसके बारे मे वह कैसे कुछ कहती भला?
मैंने नीलोफ़र वाली यह कहानी ख़त्म कर पब्लिशिंग के लिए भेज दिया। आजकल कहानियाँ ऑनलाइन पब्लिश हो जाती है....देखते है उस पाठिका को मेरी यह कहानी पसंद आती है या नही...
