gulami
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मम्मा आज हमारी मेडम ने बताया कि आज 15 अगस्त को ही हमारे देश को अंग्रेजों की एक लंबी गुलामी से आजादी मिली थी।
अब ये गुलामी क्या होती है ? मासूम कार्तिक ने अपनी माँ से प्रश्न किया। बेटा जब तुम्हारी सांस तक पर किसी का पहरा हो, माँ ने पिंजरे के कमजोर तारो से बाहर निकलने की कोशशि करती एक बुलबुल को देखते हुए कहा।
वह कार्तिक को और कुछ कहती उसके पहले ही उसकी सास के कमरे से एक आवाज उसके कानों में पड़ी,बहु तुमने अभी तक अपने पिता से पैसे देने की बात बोली या नही।
अब हम राजीव की अपनी दुकान खुलवाने के लिए और प्रतीक्षा नही कर सकते। अपनी सास की बात सुन वह कार्तिक से बोली,और हाँ बेटा किसी की गलत बात को बिना विरोध किये मान लेना भी एक तरह की गुलामी ही है।
माँ की बात सुन अब मासूम कार्तिक तो उसका अर्थ समझने का प्रयास करने लगा, और उसकी माँ अपनी आँखों मे उभरी नमी को पोछते हुए। अपनी सास के कमरे की ओर चल पड़ी।
