Avinash Agnihotri

Tragedy

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Avinash Agnihotri

Tragedy

दर्शन

दर्शन

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मनोवांछित फल की कामना से भगवान को हाजिरी लगा मैं मंदिर से कुछ ही आगे बढ़ा था कि सड़क के किनारे मुझे एक अधेड़ उम्र का भिखारी बैठा दिखा जिसके दोनो पैर सम्भवतः किसी दुर्घटना के शिकार हो कट चुके थे और उन्ही जख्मो से रक्त व पीब निकल रहा था।वो व्यक्ति कभी अपने हाथो को उठा पास से गुजरने वालो से मदद की याचना करता तो कभी अपने उन्ही हाँथों से घाव पर बैठ रही मक्खियां उड़ाता।मैं जब उसके समीप पहुंचा तब फिर उसने अपने हाथ उठा मुझसे मदद की याचना की।मैंने उसकी और कुछ पल निहारा ओर फिर बेरुखी से मुँह फेर आगे बढ़ गया।पर उस पल मैंने उसकी दीन हीन दशा के, ओर उसने मेरी हृदय की कठोरता के सहज ही दर्शन कर लिये।


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