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Avinash Agnihotri

Inspirational

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Avinash Agnihotri

Inspirational

जिम्मेदारी

जिम्मेदारी

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बडे भय्या को जब स्टेशन लेने पहुंचा तो मुझे देख उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा।पूरे दो साल बाद जो भय्या भाभी से जो मिल रहा था।फिर जब हम बात करते हुए गाड़ी तक पहुंचे। तब वो आश्चर्य से बोले,"तुमने कार चलाना कब सीखी।"उनकी बात सुन मैं बोला "अभी कोई दो महीने हुए होंगे।पर आप चिंता मत करो अब अच्छी चला लेता हूँ",उनका चहरा देख मैंने आगे जोड़ा।

फिर सारे रास्ते हम, रास्ते के हर दृश्य का मजा ले रहे थे।पर भय्या के चहरे की हवाइयां उड़ी हुई थी।वो बार बार मुझसे गाड़ी की स्पीड चालीस के नीचे ही रखने की गुजारिश कर रहे थे।व प्रत्येक संकेतक व गतिरोधक पर आगाह करते जा रहे थे।उन्हें कुछ चिंता मुक्त करने के उद्देश्य से मैंने पूछा,"क्यो भय्या आप वो दिन भूल गए।जब कॉलेज के जमाने मे बाइक चलाने में कोई आपसे आगे नही जा पाता था।"

मेरी बात सुन वो गोद मे बैठे अपने छोटे बच्चे के सर पर हाँथ फेरते हुए गंभीर स्वर में बोले तबकी बात कुछ और थी पर आज परिस्थिति अलग है मेरे भाई।


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