ठंडी हवा
ठंडी हवा
पिछले कुछ दिनों से गर्मी के तेवर कुछ बढ़ गए थे।इसलिये अब घर का छत पंखा गर्मी से राहत देने में नाकाफी था।इसे देख मनोहर अपनी पत्नी लता से बोला,"सुनो कल चलकर एक नया कूलर ले ही आते है क्योंकि हमारा पुराना कूलर तो बहुत ही झर झर ओर उसकी हवा भी बड़ी ही धीमी हो चुकी है।"लता ने भी उसकी बात सुन सर हिलाकर उसे अपनी सहमति दी।
सुबह मनोहर जब बाजार जाने की तैयारी कर ही रहा था।कि उसे स्कूल से घर पहुचे उसके बेटे ने बताया कि पिताजी इस बार स्कूल फीस की पहली किस्त अभी आठ दिन के अंदर ही भरनी होगी और हाँ मेरी स्कूल यूनिफॉर्म भी अब छोटी और दो साल पुरानी हो चुकी है।" बेटे की बात सुन मनोहर की पेशानी पर बल आ गए।फिर कुछ देर कुर्सी पर सुस्ता वो उठा और अपने उसी पुराने कूलर को स्टोररूम से निकाल साफ कर उसके पुर्जो में तेल डालने लगा।फिर उसे ठीक कर जब मनोहर ने उसे चालू किया।तो आज उसके समेत पूरे परिवार को उस पुराने कूलर की हवा पहले से तेज,ओर बड़ी ठंडी महसूस हुई।
