Jai Prakash Pandey

Abstract

5.0  

Jai Prakash Pandey

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गर्व है मुझे

गर्व है मुझे

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जब मैंने संसार का सर्वाधिक लोकप्रिय ग्रंथ - गीता पढ़ा तो उस दिन मुझे भारतीय होने पर गर्व हुआ। गीता में मानव-ज्ञान, अध्यात्म, नीति, धर्म - कर्तव्य, वेद शास्त्र सबका सार इस छोटे से ग्रंथ में आ गया है। विश्व की जटिल समस्याओं का समाधान गीता में मिल जाता है। गीता मनुष्य का सच्चा आध्यात्मिक आनंद देने वाली है। यह पुस्तक सच्चाई का मार्ग बताने वाली, असंख्य उपदेशों से भरी हुई गहरे आध्यात्मिक भेदों को खोलने वाली, मानव को सब संसार की आत्माओं में एकता दिखाने वाली मनुष्यों में सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी व्यासजी की रचना है।

कभी-कभी हम सोचते हैं कि यदि भारत का समस्त साहित्य यदि नष्ट हो गया होता और केवल गीता ही रह गई होती तो भी संसार को आर्य जाति के गौरव की याद दिलाने के लिए गीता पर्याप्त थी। गीता भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।

मैं प्रतिदिन गीता पढ़ता हूं और गीता पढ़कर मुझे गर्व होता है कि मैं उस भारत भूमि में जन्मा हूं जहां भगवान श्रीकृष्ण के मुंह से गीता कही गई है और वेद व्यास जी द्वारा लिखी गई है।


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