बंटवारा

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 पापा ने यह कहकर भारत भेजा है कि तुम्हारे दादू दो साल पहले स्वर्ग सिधार गए थे तो दादी से मिलकर जमीन जायदाद और सोना चांदी का बंटवारा करके उन सबको बेच देना और पैसे हमारे एकाउंट में जमा कर देना।

" गजब हो गया पापा... तुम अपने पापा की मृत्यु पर भी घर नहीं लौटे, इतना प्यारा है तुम्हारे अमेरिका की सुख सुविधाएं।" 

दादू की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर दिखा रही है दादी। बता रही है कि" यही हैं तुम्हारे पापा के पापा" 

मैंने देखा तस्वीर में पिचके गाल, घुसी घुसी आंखें, बेतरतीब बढ़ी हुई दाढ़ी.... 

मैं दादू की फोटो देखकर दंग रह जाता हूँ। दादी बता रही है तुम्हारे पापा को दादू बहुत चाहते थे, पेट काटकर लोन ले लेकर तुम्हारे पापा को पढ़ाया। एकलौता बेटा.... दादू बेटे पर जान न्यौछावर करते थे। बेहद प्यार करते थे। पर ऐसा क्या हो गया था तुम्हारे पापा बीस साल पहले जो अमेरिका गये तो फिर कभी लौटकर नहीं देखा, पहले कभी खोज खबर लेते थे फिर बाद में सालों साल भूल जाते।" 

 मैं दादू की फोटो एकटक देख रहा हूँ और पापा को मन ही मन कोस रहा हूं..... पापा तुमने ऐसा क्यों किया? 

सुना है दादू ने पूरे परिवार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और पापा तुम अमेरिका की सुख सुविधा के चक्कर में अपने पिता को भूल गए। 

 दादी ने बताया कि जब तक तुम्हारे दादू जिंदा रहे तब तक सारी जिम्मेदारी निभाते रहे। जब तक वे जिंदा रहे हम सबको इस बात का अहसास नहीं होता था। उनके चले जाने के बाद हमको इस बात का अहसास हुआ कि वे अपने जीते कभी हमें तकलीफ नहीं होने दी। 

मैंने कहा "दादी पापा ने मुझको पावर आफ एटॉर्नी दिया है और कहा है कि दादू के नाम पर जितने भी मकान, खेत बारी, बैंक डिपॉजिट हैं उन सबका निपटारा करके बेचकर अमेरिका भिजवा देना।" 

दादी दंग खड़ी रह गयी। 

मैंने दादू की तस्वीर से दादू को निकलते देखा। मुझे लगा दादू कह रहे हैं कि तुम्हारे पापा बीस साल से आये नहीं थे तो सारे पैसे और जमीन जायदाद गरीबों को बांट दिये थे लौटकर पापा को बता देना। 



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