गर्भवती बहनों के लिए जानकारी
गर्भवती बहनों के लिए जानकारी


गर्भवती बहनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी ---मैं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर इन सोशल वर्क( msw)की पढ़ाई के दौरान आज कुछ गरीब पिछड़ी हुई गर्भवती महिलाओं से डिस्पेंसरी में मिलने और बात करने का मौका मिला जब कुछ बोलने का मौका मिला तो मैंने अपना परिचय दिया और कहा कि आप सबको कुछ जरूरी बात बताना चाहती हूँ, मैंने बताया किजीवन एक निश्चित पृष्टभूमि के साथ प्रारम्भ होता हैं और गर्भधारण से बच्चा किसी सामाजिक व मनोवैज्ञानिक का अंश हो जाता है और हर देश की,स्थान की,परम्पराए, संस्कृति, जीवन शैलियां होती है जिसका प्रभाव गर्भधारण करने वाली महिलाओं के शिशु पर भी पड़ता है, जैसे चिंता, परेशानी, वचनाए और किसी भी प्रकार की पीड़ा का असर हमारे गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी होता है, माँ द्वारा पोषण युक्त भोजन स्वस्थ परिवारिक विचार परम्पराए अंधविश्वास का शिशु के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है ,हमें गर्भधारण से ही स्वस्थ वातावरण, सन्तुलित भोजन और स्वच्छ पर्यावरण, स्वस्तिक विचारों और सकात्मक धारणाए से ही स्वस्थ विकास हो सके स्वस्थ बच्चे की चाहत सभी माताओं को होती है, गर्भधारण के समय हमें सन्तुलित आहार खाना चाहिए, जरूरी नहीं है कि खाने में मंहगी चीजें ही हो ,जो मौसम के अनुसार फल सब्जियां जो सस्ती भी होती है और आसानी से मिल जाती है, नियमित रूप से जल का सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए और जिन चीजों में विटामिन, हरि सब्जियां और कैल्सियम युक्त चीजें दूध ,दही और जो हमें ऊर्जा प्रदान करे फल ,शक्कर का उचित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए क्योंकि बच्चे का स्वस्थ पैदा होना बच्चे के लिए और समाज के लिए भी अच्छा है, नियमित व्यायाम ,डॉक्टर के बताए अनुसार और सुबह-शाम का टहलना माँ -बच्चे के स्वस्थ के लिए आवश्यक है, अधिकतर महिलाओं को आयरन की कमी हो जाती है उनका हीमोग्लोबिन निम्न स्तर पर चला जाता है जो माँ -बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है इसके लिए उन्हें डॉक्टर के बताए अनुसार दवाई का प्रयोग और साथ साथ हरी सब्जियों जैसे पालक चकुंदर तथा गुड भूने काले चने का प्रयोग करना चाहिए ,पानी उचित मात्रा में लेना चाहिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन समय के अनुसार करना चाहिए साथ ही गर्भवती महिलाओं को टेटनस का टीका डॉक्टर परामर्श के आधार पर लेना चाहिए !