एक टुकड़ा प्यार का3
एक टुकड़ा प्यार का3
चकोरी अपने स्वभाव अनुसार प्रांजल को लगभग रोज ही गुडमॉर्निंग और गुडनाइट के मैसेज करती थी। अपने फोन में सेव ज्यादातर नंबर पर वो रोज ही मैसेज करती थी। प्रांजल को मैसेज करना भी इसी तरह था लेकिन प्रांजल के लिए चकोरी के मैसेज तो जैसे पहले प्रेमपत्र की तरह थे। जिनमे प्रेम की कोई बात नहीं थी लेकिन प्रेम भरपूर था।
एक दिन प्रांजल की आँख खुली लेकिन उसका प्रेम पत्र यानि चकोरी का मैसेज उसे फोन में नजर नहीं आया। उसने फोन को कई बार देखा। चेक किया कि कहीं उसका नेट पैक तो खत्म नहीं हुआ, उसके फोन में कहीं से कोई खराबी नहीं थी। सर्वर में कोई परेशानी हुई होगी। प्रांजल हर तरह की सम्भावनाए सोच चुका लेकिन फिर भी दिल को समझा न सका और चकोरी का नंबर मिला दिया।
चकोरी उसी वक़्त नहाकर निकली थी उसने फोन पर नंबर देखा और थोड़ा हैरान भी हुई।
"हैलो, सर गुडमॉर्निंग!!" चकोरी ने फोन कान से लगाते हुए कहा
"गुड मॉर्निंग! घर में सब ठीक है ?" प्रांजल ने हिचकिचाहट के साथ पूछा
"जी सब ठीक है।" चकोरी को प्रांजल का सुबह सुबह फोन करना थोड़ा अजीब लगा था।
"तुमने आज गुडमॉर्निंग विश वाला मैसेज नहीं भेजा।" प्रांजल ने बात को घुमाए बगैर कहा
"वो.. दरअसल मेरा नेटपैक खत्म हो गया।" चकोरी ने उसी सरलता से जवाब दिया। उसे थोड़ा अजीब भी लगा "क्या इसलिए प्रांजल ने उसे फोन किया था?" चकोरी ने मन में सोचा
"अच्छा! ठीक है... ऑफिस में मिलते है।" प्रांजल ने फोन काट दिया। चकोरी को सब बहुत अजीब सा लगा लेकिन उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। कुछ देर बाद उसके फोन पर नोटिफिकेशन की टोन बजी। उसने चेक किया तो नेट रिचार्ज का मैसेज था। चकोरी को बड़ी हैरानी हुई अभी वो कुछ सोचती इससे पहले ही एक मैसेज और मिला उसे जिसमें लिखा था,'अब मैसेज कर सकती हो' ये मैसेज भेजनें वाला कोई नहीं बल्कि प्रांजल था।
चकोरी ने सोचा, "क्या बात है!! लोगों को मेरे मैसेज इतने अच्छे लगते है!" खैर उस दिन बात आई-गई हो गई। उस दिन के बाद प्रांजल अक्सर चकोरी को फोन करने लगा था, चकोरी को ये सब थोड़ा अजीब लगता था लेकिन उसने ये सोच कर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि एक फोन ही तो करता है। उसे अपनी सोच को इतना भी छोटा नहीं रखना। कुछ समय बाद प्रांजल को दूसरे शहर जाना पड़ा कम्पनी की ब्रांच को संभालने के लिए। इस बीच उसका चकोरी को फोन करने का सिलसिला लगातार बढ़ता ही गया। बातें बढ़ने लगी। सामान्य से थोड़ा ज्यादा बातें होने लगी। हल्के-फुल्के हँसी-मजाक होने लगे हालांकि अब तक चकोरी अच्छी तरह ये बात समझ चुकी थी कि प्रांजल उसे पसंद करता है। प्रांजल के शादीशुदा होने की चकोरी की गलतफहमी भी इस बीच दूर हो चुकी थी। चकोरी को एक ही बात का डर हमेशा लगा रहता था कि कहीं किसी दिन प्रांजल उसे सीधे-सीधे 'आई लव यू' न बोल दे। तब वो क्या करेगी? उसे लगता था अगर ऐसा कभी हुआ कि प्रांजल ने उसे सीधे शब्दों में ये कहा तो वो सीधा-सीधा उसे मना कर देगी। चकोरी का परिवार उत्तराखंड से था और उसने कभी भी ज्यादा मॉर्डन विचारों को अपने मन में जगह दी ही नहीं। किसी लड़के का सामने से आकर सीधे उसे आई लव यू कहना चकोरी को छिछोरापन लगता था और हमेशा उसने यही सोचा अगर कभी कोई लड़का उसे ऐसा कहेगा तो उसका जवाब 'न' ही होगा।
रविवार का दिन था, चकोरी अपनी चचेरी बहनों के साथ शॉपिंग पर गई हुई थी। वो सब शॉपिंग से वापस लौट रहे थे जब चकोरी का फोन बजा। उसने देखा प्रांजल का फोन था। उसकी चचेरी बहनों ने स्पीकर पर फोन रखने की जिद की। चकोरी अपनी चचेरी बहनों को हर बात बताती आई थी ये भी कि उसे लगता है, प्रांजल उसे पसंद करता है। इसलिए आज वो सभी सुनना चाहती थी प्रांजल की बातें। चकोरी को इससे कोई दिक्कत थी भी नहीं आखिर ऐसा कुछ था ही नहीं जो वो उन सब से छुपाती फिर उन्हें कौन सा प्यार-व्यार की बातें करनी थी।
"हैलो!!" चकोरी ने स्पीकर ऑन करते हुए कहा
"हैल्लो!!" उधर से प्रांजल की आवाज आई
"गुडआफ्टरनून सर!" चकोरी ने अभिवादन किया
प्रांजल और चकोरी काफी देर बातें करते रहे। हल्की-फुल्की मजाक से शुरू होती हुई बातें प्रांजल की शादी तक पहुँच गई।
"कैसी लड़की चाहिए आपको?" चकोरी ने पूछ डाला लेकिन उसे लगा शायद गलत सवाल पूछ लिया उसने
"आपके जैसी!!" प्रांजल ने तुरंत ही जवाब दिया
चकोरी का दिल एकदम से धड़क उठा उसकी बहनों ने भी मुँह पर हाथ रख लिया।