एक टुकड़ा प्यार का 2
एक टुकड़ा प्यार का 2


दोनों एक ही ऑफिस में और एक ही टीम में थे तो दोनों का कई बार आमना-सामना होता था। हर मुलाकात पहले से ज्यादा कंन्फ्यूजन वाली होती थी। पता नहीं कैसे? लेकिन चकोरी को लगता था कि प्रांजल शादीशुदा इंसान है। वैसे भी प्रांजल उनकी टीम का मैनेजर भी था। चकोरी ने कभी दूसरे नजरिये से सोचा ही नहीं या यूँ कहें वो सोच ही नहीं सकती थी। दूसरी तरफ प्रांजल जितना नजदीक से चकोरी को जानता उतना ज्यादा उसकी तरफ आकर्षित होने लगा लगता। ये बात और है कि उसके चेहरे पर कभी कोई भाव नजर नहीं आए। जल्द ही दीवाली का त्यौहार भी आ गया।दीवाली पर प्रांजल ने अपनी पूरी टीम को गिफ्ट दिए। उसका मानना था जॉब लगने के बाद ये उसकी पहली दीवाली थी इसलिए गिफ्ट देना तो बनता है। गिफ्ट ज्यादा बड़ा नहीं था लेकिन फिर भी चकोरी के दिल को छू गया इस तरह के गिफ्ट उसे पसंद थे। प्रांजल ने सभी को एक-एक की-चैन दी थी जिस पर उनका नाम लिखा हुआ था। गिफ्ट देखने के बाद पहली बार चकोरी को लगा इसी तरह के किसी इंसान की तलाश तो उसे भी है।
एक दिन
ऑफिस के बाद सड़क क्रॉस करते वक़्त चकोरी थोड़ा-सा घबरा गई। असल में वो किसी बात से परेशान थी और इसी कारण उसका ध्यान हट गया, इससे पहले की एक गाड़ी चकोरी को टक्कर मार कर निकल जाती प्रांजल आया और उसके कंधे से पकड़ते हुए उसे तुरंत सड़क पार करा दी। चकोरी इस घटना से थोड़ा हकबका गई। उसने प्रांजल को 'थैंक यू' कहा। प्रांजल ने पूछा, वो इतनी परेशान क्यों है? अपनी परेशानी की वजह तो चकोरी प्रांजल को नहीं बता पाई लेकिन दिल ही दिल में वो प्रांजल से इम्प्रेस हो गई थी इससे पहले कभी कोई उसके चेहरे को देखकर उसके मन की हालत नहीं बता पाया था। इसके साथ ही उसे प्रांजल की केयर करने वाली आदत भी भा गई। प्रांजल ने जिस तरह उसे छूकर सड़क पार करवाई थी अंजली को उसमें जरा भी अजीब नहीं लगा था और न ही ऐसा लगा कि प्रांजल ने उसे किसी और ही विचार के चलते छुआ हो। ये था प्रांजल और चकोरी का पहला स्पर्श! जिसमें चकोरी को बस केयर की महक आ रही थी दूसरी सभी भावनाओं से मुक्त ये स्पर्श बेहद सरल था।
क्रमशः,,,,,,