Shailaja Bhattad

Abstract

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Shailaja Bhattad

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एहसास

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जल्दी से इनका सामान अपने ऑटो में चढ़ाओ और आगे बढ़ो। हवाई अड्डे पर ऑटो चालकों को अनुशासित तरीके से काम करवाने वाले नौजवान व्यक्ति ने एक बूढ़े ऑटो चालक को आदेशात्मक लहजे में कहा और खुद वहीं खड़ा होकर देखता रहा। शालिनी जो कि अपने बेटे और पति के साथ उसी आॅटो में बैठने जा रही थी, ने जब यह देखा तो उस नवयुवक पर भड़क उठी “आप देख नहीं रहे सामान कितना भारी है और इन बुजुर्ग व्यक्ति से अकेले रखने के लिए कह रहे हैं”। शालिनी मदद का इंतजार किए बिना खुद अपने पति के साथ आगे बढ़कर सारा सामान ऑटो में रखकर ऑटो में बैठ गई। उन बुजुर्ग ऑटो चालक ने शालिनी के द्वारा उनके प्रति सम्मानजनक व्यवहार के लिए धन्यवाद कहकर बताया कि, उनकी तबीयत दो-तीन दिन से ठीक नहीं है लेकिन घर चलाने के लिए वह ऑटो चलाना तो बंद नहीं कर सकते।

 शालिनी ऑटो चालक की मजबूरी पर द्रवित हो उठी और अपना कार्ड देकर कहा बाबा जब कभी आपको किसी भी प्रकार की जरूरत महसूस हो बेझिझक आप हमें फोन कर सकते हैं। ऑटो चालक ने पंद्रह मिनट में ही घर पहुंचा दिया। शालिनी की खुशी का ठिकाना न रहा। वह बोल उठी अरे बाबा आज पहली बार हम इतनी जल्दी घर पहुंचे हैं नहीं तो एक घंटा लगना तो आम बात थी। उन ऑटो चालक ने बताया कि, वह यहां का हर रास्ता, हर छोटी-बड़ी गली से भलीभांति परिचित है इसीलिए इतनी जल्दी ला पाया। यह सुन शालिनी और उसके पति गदगद हो उठे और अतिरिक्त ₹100 का नोट हाथ में थमाते हुए शालिनी ने कहा कि, यह आपकी ईमानदारी का इनाम है। आज सुबह-सुबह दो नेक काम हुए थे। एक शालिनी के द्वारा और दूसरा उन ऑटो चालक के द्वारा, जो दोनों की ही संतुष्टि का कारण बने।


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