Anil Jaswal

Romance

4  

Anil Jaswal

Romance

दिल सबसे बड़ा खिलाड़ी

दिल सबसे बड़ा खिलाड़ी

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नीती शहर के एक जाने माने कालेज की छात्रा थी। वो बहुत चुलबुली लड़की थी। यनि बहुत मस्त थी। उधर नैन भी उसी कालेज के विज्ञान विभाग का छात्र था। दोनों हास्टल में रहते थे। नीती और नैन दोनों स्वभाव से एक दूसरे के विरोधी थे। नैन विज्ञान का छात्र होने के कारण हमेशा किताबों में डूबा रहता था। और नीती थोड़ी घुमक्कड़ थी। आखिर एक दिन हास्टल का फंक्शन होता है। उसमें कॉलेज के सारे के सारे हास्टलरज आए हुए थे। तो जैसे ही नीती कालेज के ओडोटोरियम में दाखिल होती है। तो उसकी नजरें नैन की नजरें से टकराती हैं। वो झट से परवाह न किए हुए। अपनी सीट की तरफ बढ़ जाती है। उधर नैन की नजरें उसके चेहरे से चिपक जाती हैं। जहां भी वो जाता उसको ही ढ़ुंढ़ती हैं। आखिर फंक्शन शुरू होता है। सब अपनी-अपनी सीटें ले चुके होते हैं।

कुछ समय बाद पोयटिकल रैसिटेशन शुरू होता है। और नैन का नाम लिया जाता है। नैन वहां पे अपनी कविता " हे मौत मैं तुझे नहीं जितने दूंगा" पढ़ता है। उसको उसके लिए बहुत वाहवाही मिलती है। कविता के बाद पुरा ओडोटोरियम तालियों से गूंज उठता है। फंक्शन खत्म होने के बाद सब अपने-अपने हास्टल लौट जाते हैं। लेकिन सबके मुंह में नैन की कविता के बोल और उसका नाम गूंज रहा होता है।

अगले दिन सब कालेज का ऐप सुबह खोलते हैं। तो उसमें नैन का चित्र और साक्षात्कार छपा होता है। उसमें नैन से उसकी महिला मित्र का जिक्र होता है। तो वो बोलता है। अभी तो नहीं। परंतु शीघ्र कोई अच्छा समाचार मिलेगा। नीती के हास्टल में भी नैन का चर्चा हो रही है। नीती भी उसका साक्षात्कार पढ़ती है। और बोलती है। हाउ बोरिंग। लेकिन लगता है। प्यार का तीर चल चुका है। अगले ही दिन नैन अपने स्टूडेंट्सैसे सैंटर में बैठा होता है। और मैसेजीज पढ़ रहा होता है। बाकि सारा सटुडैटस सैंटर खचाखच भरा होता है। लेकिन नैन के साथ दो चेयरज खाली होती हैं। नीती और उसकी सहेली उन दोनों सीट्स को देखकर उनकी तरफ बढ़ती हैं। लेकिन जैसे ही वो नैन को देखती है। वो रूक जाती है। और अपनी सहेली को बोलती है। बलैडी फरस्टरेटीड पोयट। लेकिन उसकी सहेली उसको जबरदस्ती बिठा लेती है। उसकी सहेली नैन की कविता की बहुत तारीफ करती है। लेकिन बीच में ही नीती दखल देती हो। और कहती है। साइंस और पोयट्री वाह क्या योग है।

अगर आयनसटाइन भी पोयट्री करता। तो थियरी आफ रिलेटिवीटी की जगह थियरी आफ रोमांस लिखता। और पुरी दुनिया आज भी जमीं पर ही बैठी होती। लेकिन बेचारा नैन चुप है। इतने में कालेज की वैल बजती है। और नैन उठ खड़ा होता है। और बोलता है। एक्सकुयज भी लेडीज। मेरी क्लास हैं। जा रहा हूं। उम्मीद है जल्दी ही कोई अच्छी खबर के साथ लौटूंगा। ऐसे तैसे दोनों में नोंक-झोंक बढ़ती जाती है।

परंतु अब नीती की घृणा थोड़ी नैन के लिए कम हो गई होती है। फिर नैन को पता चलता है। कि नीती का ऐसा व्यवहार होने का कारण है। वोनमैरो कैंसर। जो कि अब लगभग दुसरी स्टेज में आ चुका है। नीती की जिंदगी को अगर बचाना है। तो तुरंत कुछ करना होगा। नैन फिर सारे कैसरज की रिसर्च नैट पे पढ़ डालता है। अंत में इस निर्णय पे पहूंचाता है। कि अगर आर्टीफिशियल बल्ड तैयार कर लिया जाए। तो नीती को बचाया जा सकता है। नैन आर्टिफिशियल बल्ड तैयार करने के प्रयत्न करने लगता है। और आखिर घोर प्रयत्न करने के बाद, वो आर्टिफिशियल बल्ड तैयार करने में कामयाब हो जाता है। अब सवाल उठता है। कि पहले इसको किसपे ट्राई किया जाए। वो नीती को भी बताता है। कि वो अब उसको जिंदगी भर के लिए अपने साथ रखेगा।

मैं मौत को तुमपे हावी नहीं होने दूंगा। नीती जोर देती है। कि इसका पहला ट्रायल मुझ पे ही होना चाहिए। मुझे तुम्हारे पे तुमसे कहीं अधिक भरोसा है। आखिर नीती को बल्ड टरासफुयजंन किया जाता है। इस बल्ड की जो कोशिकाएं होती हैं। वो सारे सारे कैंसरस सैल्ज को मार देती हैं। नीती फिर से तंदरुस्त हो जाती है। और वो‌ दोनों कालेज के एक फेमस कपलज में गिने जाने लगते हैं।


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