विज्ञान दूसरा भगवान
विज्ञान दूसरा भगवान
नम एक बहुत ही होनहार था। शहर के सबसे अच्छे स्कूल में पढता था। पूरे स्कूल को उसपर फ़ख़्र था। उसके माता पिता स्थानीय विश्वविद्यालय में अध्यापन करते थे। एक बहुत ही आदर्शवादी परिवार था। नम को बचपन से कुछ न कुछ हाईटेक करने का चाव था।वो तरह तरह के प्रयोग करता रहता था।आजकल गर्मियों की छुट्टियां थीं। तो वो बिल्कुल फ्री था। लेकिन उसके दिमाग के कीड़े इधर उधर भागते रहते थे।अचानक वो चौका। उसने देखा फेसबुक पर उसकी सबसे अच्छी दोस्त रेली का मैसेज था। उसमें एक अटैचमेंट थी। जिसमें लिखा था। दुनिया स्वायत गाड़ियों की ओर। उसको मैसेज बहुत मजेदार लगा। उसने तुरंत लैपटॉप उठाया। और स्वायत गाड़ीयों पर पढ़ना शुरू कर दिया।तभी उसके एक ओर दोस्त रैन का फोन आया।लेकिन बिजी टोन भेजकर। उसने नहीं उठाया।रात को उसने मां बाप के साथ डिनर किया। लेकिन उसके दिमाग की ये बात थी।जब तक वो जो समस्या दिमाग में फंसी हो।उसका समाधान न निकाल ले। उसे चैन नहीं आता।सारी रात करबटें लेता रहा। आखिर सुबह जब वो नहीं उठा। तो उसके पिता जी नम के कमरे में आए।तो देखा।वो गहरी नींद में सो रहा था। वो तुरंत समझ गये।शायद वो रात को देरी से सोया। इसलिए सुबह नींद अधिक है। आखिर उसकी मां ने उसे थोड़ी देर के बाद हिलाया। और वो उठ गया। उसने टाईम देखा।तो दस बज रहे थे।झटपट बाथरूम गया। नहा धोकर तैयार हो गया।उसके पिताजी ने देखा।तो बोला- "अरे भई! माना तुम ज़बान हो।शरीर चुस्त दुरुस्त है। लेकिन वरखुदार इसका सबसे बड़ा राज है।कि तुम हर रोज कसरत करते हो।अगर नहीं करोगे। तो शरीर ढीला ढाला हो जाएगा।" तो नम ने तुरंत बोला- "सौरी पापा। आज थोड़ा लेट हो गया था।" फिर उसने अपने पापा को अपनी स्वायत्त कार बनाने की योजना बताई।उसके पिता ने दस मिनट सोचा।और फिर बोला- "ठीक है। मेरी तरफ से तुम मेरे गैराज का उपयोग कर सकते हो।"
यही बात उसनेे अपनेे दोनों दोस्तों रैन और रैली को भी बताई। आखिर काम शुरू हो गया।
पहले उसेे लैपटॉप पर बनाकर देखनेेका प्रयास किया जाएगा। ये बात तय हुुई । सबसे पहले उसका जीपीएस सिस्टम ठीक किया जाएगा। जिसमे वो उसकेे शहर की हर सड़क का पुरा विजुअल मैप तैयार करेगा।आखिर ये सब हुुआ।अब जब भी वो इस जीपीएस से सड़क पर निकलता था। तो सड़़क की हर छोटी सेे छोटी से छोटी रुकावट दिखाई देेेेती थी। फिर इस जीपीएस को दो सैैंंसरज जो की स्टेेेेयरिंग और ब्रेक्स को नियंत्रण करते हो के साथ जोड़ा गया। अब जीपीएस, स्टेयरिंग और ब्रेक्स एक एलाइनमेंट में आ गये। यनि जैसे ही जीपीएस कोई रूकाावट देखता। तुुुुरंत ब्रेक्स और स्टेेेेयरिंग हरकत में आ जाते। और वो रूकावट से बच जाते। आखिर इस मोडल की चर्चा सोशल मीडिया पर हुई। तो एक बहुत बड़ेे कार निर्माता ने इसमें दिलचस्पी दिखाई। और कार मोड़ल तैयार कर। सड़कों पर चलाया।और उसे कामयाब पाया। जब ये कार चलेे तो लोग सब देखकर इधर उधर भागने लगें। वो देेेेखें बिना चालक के कार चल रही है।ये सब उनको बहुत अचंभा लगता। ये बात फिर मीडिया के हाथ लग गई और सारी दुनिया में फैल गई। नम, रैली और रैन को सम्मानित किया गया। एक बहुत बड़े विश्वविद्यालय द्वारा उनको डाक्टर आफ ओटोनमस विह्कल की डीग्री दी गई।