दिखावा
दिखावा
लता बहेन समाज सेविका थी। उनका पूरे शहर में नाम था। अखबार में भी उनका फोटो आता था।
बेटी बचाओ के अभियान में एक दिन स्टेज पर से जोर जोर से भाषण दे रहे थे उसी वक्त उनके एक लोते बेटे सूरज का फोन आया उन्होंने कोने में जाकर बात की और कहा कि बहुको पता नहीं चल पाये उस तरह दूसरी बेटी को कही जाकर खत्म कर दो।
सूरज का फोन स्पीकर पर था इसलिए सभी बातें सूरज की पत्नी हीना ने सुन ली और खुद से ही बात करते हुए बोली *हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और है* बहुत बड़ी समाजसेवीका बनकर घूमती हैं पर दिखावा बहुत करती है।
अपनी भावना को मजबूत करके उसने सूरज को धक्का लगाया और बेटी को उठाया और भागकर महिला आरक्षण में चली गई।
