Bhavna Bhatt

Abstract

4  

Bhavna Bhatt

Abstract

अतिरेक

अतिरेक

1 min
278


अनिल को बचपन से ही माता-पिता ने लाड प्यार करके सर चढ़ा रखा था..

अनिल जो मांग करता वो पूरी हो जाती इसलिए उसे न रूपए की अहमियत थी ना ही कोई चीज वस्तुओं की..

नवमी तक ही पढ़ाई-लिखाई के बाद अपने कारोबार में लगा लिया और उसकी शादी करा दी आशा के साथ..

शादी के दूसरे ही दिन रात को अनिल घर पर देर से आया ..

आशा ने कहा इतनी देर क्यों हो गए इस बात पर तो अनिल ने *आसमान सर पर उठा लिया* और आशा को मारपीट करने लगा..

आशा हकबका हों गई ..

अनिल के घरवाले भी आशा को कोसने लगे..

आशा भी अपने माता-पिता की एक ही संतान थी पर यहां बेटे के प्रति ज्यादा ही अतिरेक था ..

आशा अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और अपने पिता को फोन कर दिया..


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract