सूरज को धक्का लगाया और बेटी को उठाया और भागकर महिला आरक्षण में चली गई। सूरज को धक्का लगाया और बेटी को उठाया और भागकर महिला आरक्षण में चली गई।
आज सब कुछ आईने की तरह साफ हो गया आज सब कुछ आईने की तरह साफ हो गया
अपने फर्ज निभाना हमारा कर्तव्य है पर अपने आपको भूल जाना कहा का न्याय है। अपने फर्ज निभाना हमारा कर्तव्य है पर अपने आपको भूल जाना कहा का न्याय है।
इतना कहकर नीज़ा उस गली से निकलकर यूँ चली गई जैसे उसने जूडा से बात ही न की हो। इतना कहकर नीज़ा उस गली से निकलकर यूँ चली गई जैसे उसने जूडा से बात ही न की हो।
क्योंकि तुम्हारे जाने से आने तक के सफर में मैं खुद को हार जाता हूँ। क्योंकि तुम्हारे जाने से आने तक के सफर में मैं खुद को हार जाता हूँ।
एक इश्क दो हमसफ़र को साथ लिए चल तो पड़ा था, पर उसे एक ही रास्ता और एक ही मंज़िल नहीं दे प एक इश्क दो हमसफ़र को साथ लिए चल तो पड़ा था, पर उसे एक ही रास्ता और एक ही मंज़िल नह...