हाँ, ये मै हूँ

हाँ, ये मै हूँ

4 mins
424


आज जैसे ही मोबाइल पर कॉलेज रियूनियन का मेसेज पढा एक पल के लिए रेणु की खुशी का ठिकाना नही रहा। पर दूसरे ही पल सासु माँ का ख्याल आया और वह खुशी उदासी मे बदल गई। शादी के पंद्रह साल बाद सारी सखियों से मिलना ,पर मम्मी जी को कौन पूछेगा वो कभी हाँ नही करेगी। शाम को घर से अकेले बाहर जाना उन्हें बिलकुल नही पसंद। विपुल से बात करके देखती हूँ

शाम को जैसे ही विपुल घर आया उसने मौका देखकर विपुल से बात की.." विपुल प्लीज आप मम्मी जी से बात करो ना।। प्लीज़ विपुल इतने सालों मे कभी कुछ नही मांगा प्लीज़ आप ही मम्मी को समझा सकते हो। "

सुबह उठते ही सासु माँ शुरू हो गई क्या बात है बहू विपुल बता रहा था वो तेरे कॉलेज का कुछ ...उनिय...

हाँ मम्मी जी

तो तेरे मुँह मे दही जमा रखा है। विपुल से सिफारिश करवा रही है। क्या दिखाना चाहती है मैंने तुझे कैद कर रखा है। अब मना करुंगी तो इल्जाम मुझपर ही लगेगा। पर ये शाम को होटल जाने का क्या सुझा सुबह ही चले जाते। अब कौन समझाये तुम आजकल की बहूओं को...चली जाना पर समय से पहले लौट आना।

रेणू की खुशी का ठिकाना नही रहा सास की जली कटी सुन कर भी जाने को तो मिला।

वह शाम को तैयार हो जैसे ही कमरे से बाहर आई। ये क्या बहू ये मेकअप क्यों पोता है किसे दिखाना है। क्या ऐसे ही जाओगी तो तुम्हारी सखियाँ पहचान नही पायेगी। जानबूझकर लोगों को आमंत्रण मत दो कि वे हमें बूरी नजर से देखे।

रेणु ने हामी भरी अपना मेक अप साफ किया और चल दी। फिलहाल मेकअप से जरूरी उसके लिए दोस्तों से मिलना था।

सबको मिलकर उसकी खुशी का ठिकाना नही था। कुछ सहेलियाँ तो आपस मे कोन्टेकट मे थे। लेकिन रेणू तो सबसे पंद्रह साल बाद मिली थी। एक ही शहर मे रहते हुये भी वह किसी से संपर्क मे नही थी।

कुछ देर बाद जब सब पार्टि एन्जॉय कर रहे थे।। तो उसकी प्रिय सखियाँ उसके पास आई। कॉलेज का समय उन पाँच सखियों ग्रुप हुआ करता था सब उन्हें हम पांच के नाम से छेडते थे।

क्या बात है रेणू तुम इतनी खोई खोई क्यो हो। इतने सालो बाद मिले है। पर तुम्हारे चेहरे पर कोई खुशी नही। कोई परेशानी है तो हमे बता हम है ना..सबने कहा।

तेरी सास को सीधा करना है, पति को सीधा करना है। एक इशारा कर सबकी बेंड बजा देगे..रोमा ने चुटकी लेते हुए कहा।

नही यार, ऐसे कोई बात नही है। वो मेरे ससुराल मे लेट नाईट बाहर जाना सब अलाऊड नही है।

ओहो..संस्कारी बहू क्या बात है वही तो मै सोचू हमारी चुलबुली रेणू कहाँ गुम हो गई है...रिया ने कहा।

पूरी मेकअप की दुकान थी तू होंठों से लिपस्टिक और नाखून से नेलपेंट तो कभी हटते ही नही थे। तेरे बेग मे किताबें कम और मेकअप का सामना ज्यादा हुआ करता था। पर अब तो पूरी बदल चुकी है..नेहा ने कहा।

लगता है सास ससुर पर पूरा इमप्रेशन जमाये हुये है। जरूर सास की लाडली होगी।

नही यार ,अब तुम लोग बस करो मुझे वैसे भी देर हो रही है तो खाना खाकर निकलती हूँ। हाँ कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप मे मेरा नम्बर एड कर देना। रात को चेट करते है।

रेणू सारे रास्ते यही सोचती रही सब वैसे की वैसे है लेकिन मै...आज घर जा वह आईने के सामने खडी हो अपने आप को घूर रही थी। क्या ये मै हूँ। मै ,क्या से क्या हो गई हूँ। सबकी खुशी का ध्यान रखते रखतें अपने आप को तो जैसे भूल चुकी हूँ। मेरा अस्तित्व पूरी तरह मिट चुका है। आज तक अपनी इच्छाओं का गला रोंदते आई हूँ। ना चाहते हुए भी हंसना थक जाने पर भी यह दिखाना कि मै ठीक हूँ। और इसके बदले मुझे क्या मिला ताने,गंवार होने का खिताब। झूठ का नकाब अपने चेहरे पर चढाये हुए मै अपने आप से ही नजरे नही मिला पा रही हूँ। बडो का सम्मान करना सास ससुर की सेवा करना। बच्चों के प्रति जिम्मेदारी निभाना मेरे फर्ज है पर अपनी इच्छाओं को दबाना ये कहा का न्याय है।

बस बहुत हुआ.. अब और नही 

अगले दिन रेणू सुबह उठ सज संवर जैसे ही बाहर आई।

क्या बहू बनठन कहा चली।

कही नही मम्मी जी

तो फिर आज क्या दिवाली है। किसी की शादी है।

नही मम्मी जी बस ऐसे ही मन किया तो..

 मन...अरे! कही भूतप्रेत का साया तो नही पड गया तुझपर। इसीलिए मना करती हूँ देर रात बाहर ना जाया करो पर सुनना किसे है।

नही मम्मीजी ये मै ही हूँ। वैसी ही जैसी आपने पंद्रह साल पहले देखते ही पसंद कर लिया था। बस पिछले कुछ सालों से नकाब ढक रखा था इस चेहरे पर आज उसे उतार दिया।

एक दिन घर से बाहर क्या गई इसके तो पंख निकल आये चालढाल ही बदल गई। अब इसकी अक्ल ठिकाने लगानी होगी। बडबडाते हुए सास चली गईं पर रेणू अपनी इस पहचान से जो कुछ समय पहले खो गई थी उसे वापस पाकर बहुत खुश थी।

तो दोस्तों... याद रखना सबका ध्यान रखते रखते अपने अस्तित्व को मत खो देना। अपने फर्ज निभाना हमारा कर्तव्य है पर अपने आपको भूल जाना कहा का न्याय है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama