दगाबाज़
दगाबाज़


शहर में ज़बरदस्त दंगे हो रहे थे.सेना लगने की तैयारी हो रही थी.एक दम्पति की हत्या तो वह भी कर चुका था.दूर छिटके हुए उनके दुधमुंहे बच्चे पर उसे दया आ गई.किसी तरह उस बच्चे को बचते-बचाते घर ले आने में सफल हो चुका था.पता नहीं वह किस जमात या संगठन का दगाबाज़ था?
उसके हाथ में न कलावा था और न ही टोपी फिर भी उसे ऊपर वाले की माफ़ी मिल चुकी थी.