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Manish Gode

Classics Inspirational

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Manish Gode

Classics Inspirational

देहली बुक

देहली बुक

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उन्नींसवी सदी के आखरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के दरबार में, गवर्नर गनरल की ओर से सर थॉमस मेटकॉफ तैनात किये गये थे। उन्हें देहली-बुक नाम से एक किताब लिखवाने का कार्य मिला था। इस किताब में ज्यादातर चित्र मझहर अली खान द्वारा बनाये गये थे। मुगलकाल के अंतीम चरण में बनाये गये उनके चित्र काफी प्रेरक है।

सर थॉमस मेटकॉफ ने इस किताब में दिल्ली के कई नयनाभिराम दृष्यों को चित्रित किया है। लाल किले के भितरी और ऊपरी प्रांगण से जामा मस्जिद का चित्र देखते ही बनता है। दिल्ली, जो उस समय देहली के नाम से जानी जाती थी, के लोगों की विविध क्रियाकलापों को भी इस किताब में दिखाने का सुंदर प्रयास किया गया है।

मझहर अली खान ने खुद के पोर्ट्रेट भी बनाये है, जिसमें उन्हें ऐनक लग कर चित्रों को रंगते हुए दिखाया गया है। सभी चित्रों में उनकी बारीकियों का बखुबी दर्शाया गया है। एक चित्र में हाथी पर बैठे अंग्रेजों को बैठा दिखाया गया है। और उनके साथ लोगों का जुलूस साथ चलते हुए दिखाया गया है।

मझहर अली खान के साथ कुछ और चित्रकारों के भी चित्र इसमें सम्मिलित किये गये है, किंतु ज्यादातर चित्र, जो सौ के करीब है, उन्हीं के लिये गये है। देहली-बुक आजकल, इंगलैंड की ब्रिटीश लाईब्ररी की शान बढा रही है।


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