डियर तुम
डियर तुम
मैं नहीं चाहता कि तुमको चाहूं, प्यार करू तुमको, याद भी नहीं करना चाहता, कोशिश भी की कई दफ़ा, पर क्या करू, तुमसे जुड़ी बातें, तुम्हारे पसंद की चीज़े अचानक सामने दिख जाती है, फ़िर वो सब ले जाती है तुम्हारे ख्यालो में ।
पहले भी कहा है, अक्सर लगता है कि कुदरत ने हमारा कुछ तो लिखा है मतलब कि वक़्त और हालत भी नहीं चाहते कि मैं तुमको भूल जाऊँ, चाहकर भी नहीं भूल पाउंगा, क्योंकि भूलता तो दिमाग है, और तुम तो मेरे दिल में समाई हो, ये भी कोशिश की, कि दिल लगाउ किसी से, कोशिश के बीच में तुम दिख जाती हो, फिर ख्याल आता है कि नहीं, प्यार में धोखा नहीं ।
कहते हैं प्रेम ज़िन्दगी में उस समय दस्तक देता है, जब ना उसकी आस हो, ना तलाश हो, जब आप मान चुके होते हो कि प्रेम आपके लिए नहीं है, तुम ऐसे ही समय मुझे मिली, तुम्हें चाहने की कभी चाहत नहीं थी, मन को तुम भा गई, जबकि मैंने मन को खूब समझाया कि तुमसे केवल दोस्ती रखना है, पर कोई भी हो, जिस काम के लिए मना करो, वो ज़रूर करता है।
तुम जानती हो ?? मेरा तुम्हारे प्रति जो प्रेम है, वो शारीरिक सुख से परे है, मेरे मन में कभी भी तुम्हारे प्रति वासना की भावना नहीं रही, मैंने हमेशा तुम्हारी आँखों में ही देखा, और देखा अधरों को गौर से, इसलिए नहीं कि चूमने है, पर इसलिए कि जब ये मुस्काते है तो मैं भी मुस्काने लगता हूँ, ऐसा लगता है कि समय को रोक कर बस ये मुस्कान देखता रहूं, खो जाऊँ इस मुस्कान को देखने में ।
तुम्हारे सफेद मोती जैसे दांत जब दिखते हैं, मुझे वो भी प्यारे लगते हैं, उनको देखना भी मुझे अच्छा लगता है, कोई उम्मीद नहीं है मगर ये दिल को यकीन है कि हम तुम हमेशा साथ होंगे, मुझे तुम्हारी मुस्कान देखने के लिए इंस्टाग्राम पर तुमको ढूँढना नहीं पड़ेगा, कोई नई तस्वीर के पोस्ट होने का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा, ना ही ज़रूरत पड़ेगी तुम्हारे बारे में सोचने की , बस मुझे कहना होगा कि मुस्कुरा दो, और देख पाउंगा तुमको सामने, मुस्कुराते हुए ।