डार्क वैब - इंटरनेट की दुनिया
डार्क वैब - इंटरनेट की दुनिया
नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सब मेरा विश्वास है सभी अच्छे होंगे,
मैं आज का विषय लेकर आई हूं डार्क वैब इंटरनेट का डार्क साइड
रात में एक दक्षिण भारतीय फिल्म देखी थी जिसका नाम था "की " इसमें डार्क वैब के बारे में बताया गया है, इसके बाद मैंने इसके बारे में थोड़ी खोज की मैंने सोचा आप सबको इंटरनेट के इस हिस्से से रूबरू कराते हैं।
"डार्क वैब " जिसे ज्यादातर लोग गैरकानूनी काम के लिए इस्तेमाल करते हैं, और कई बार इसमें फंसकर युवा आत्महत्या भी कर लेते हैं । मेरा ये कहना बिल्कुल भी नही है, कि डार्क वैब केवल गैरकानूनी काम के लिए ही उपयोग किया जाता है, डार्क वैब जिसे डीप वैब भी कहते हैं इसका उपयोग हमारे देश की खूफिया एजेंसीज भी करती है, जहां पर कई तरह की जानकारी को गुप्त रखा जाता है, तो पूरी तरह डार्क वैब गलत नही है पर लोग खुद को रहस्य रखने के लिए ज्यादातर गैरकानूनी काम डार्क वैब में ही करते हैं,इंटरनेट के दो भाग होते हैं, जिसका एक हिस्सा हम देख पाते हैं, जिसमें करोड़ों सोशल मीडिया साइट्स मौजूद हैं जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और भी कई साइट्स, ये इंटरनेट का केवल 5 प्रतिशत हिस्सा होता है जिसे हम देख सकते हैं,
लेकिन 95 प्रतिशत हिस्सा जिसे आम लोग नही देख सकते वो है "डार्क वैब " जहां पर लोगों का आई पी एड्रेस डाटा को छुपा कर रखा जाता है आम लोगों की पहुंच से दूर होती है ये डार्क वैब।
डार्क नेट मार्केट -
डार्क नेट मार्केट ऐसी इंडस्ट्रीज जो केवल डार्क वैब में गतिशील होती हैं, और सभी तरह के गैरकानूनी काम होते हैं उसने डार्क नेट मार्केट कहा जाता है,
डार्क नेट मार्केट के यूज़र उन लोगों को ढूँढते हैं जिन्हें काम की या पैसे की बहुत जरूरत होती है, या फिर वो किसी तरह के मानसिक तनाव का शिकार होते है, ऐसे लोगों को ढूंढ कर ये डार्क नेट मार्केट यूजर्स अपने गैरकानूनी काम के लिए ऐसे ही लोगों का इस्तेमाल करते हैं,
ड्रग तस्करी, लड़कियों की तस्करी, यहां तक की जानवरों की हड्डियां और इंसान का मांस तक बेचा जाता है इन सभी डार्क वैब साइट्स में,
इसी तरह के डार्क नेट मार्केट में फंस कर युवा अक्सर आत्महत्या कर लेते हैं, कभी कभी ऐसा होता है कि कुछ युवा इस डार्क वैब से बाहर निकलना चाहते हैं तब भी अपनी जान गवां देते है, सोशल मीडिया पर हम हर रोज अपनी जिंदगी की कई बाते शेयर करते हैं अपनी खुशी अपना दुख कभी परेशान होने पर, बेरोज़गार होने पर कई पोस्ट करते और इन्ही सब फ़ायदा उठाते हैं डार्क नेट मार्केट के ऑपरेटर इसीलिए युवाओं को सावधान और सतर्क रहना चाहिए, और बचना चाहिए ऐसी स्थिति में फंसने से ।
धन्यवाद।
नई सोच का जागरूक भारत,
जय हिंद।
