चिड़िया चुग गई खेत
चिड़िया चुग गई खेत
आज रवि कुछ ज़्यादा ही मूड में था, वो दोस्तों को अक्सर शरारतें कर करके परेशान करता था। कभी उसकी ये मस्ती मज़ाक़ दोस्तों में तो ठीक था, मगर वो टीचर को भी नहीं छोड़ता था एक दिन वो क्लास में बैठा दोस्तों को अपनी लछेदार बातों में टीचर जतिन सर कालेज के यंग टीचर्स हैं ,जतिन सर की स्टूडेंट में अच्छी इमेज थी। लवली मेम जो अभी कुछ दिनों से हमारे कालेज में डेलीवेसज पर टीचर्स बन कर आई थी। बड़ी सुन्दर थी और शालीनता वाली थी, नई कालेज से पास आउट थी। कम बोलती थी और बेहद संस्कारी, रवि ने एक दिन कही आते -जाते जतिन सर से बातें करते देख लिया, बस रवि के ग्रुप के लड़के आपस कानाफूसी करने लगे और अब लवली मेम को ताडने लगे। आनप-शनाप किस्से गढ़ने लगे।
जबकि दोनों में इसलिए भी जान पहचान थी पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने एक ही कालेज से किया था। लवली कुछ सालों के लिए कहीं और जाब कर लिया था मगर वहाँ जमा नहीं उसने सोचा मुझे टीचिंग में ही ठीक रहेगा,बहुत से कालेज में इंटरव्यू दिए इस कालेज में सेलेक्श हो गया तो ज्वाइन कर लिया। यहाँ लवली को उसके कालेज में एक साल सीनियर जतिन मिले वो भी स्टाफ में थे उनसे बातचीत होने लगी।
चटकारेदार बातें सुना रहा था कैसे जतिन सर, लवली मेम को डेट कर रहे हैं।
अपने साथ ही घर तक छोड़तें हैं, न जाने बिना सिर पैर की बातें। रवि हमारी क्लास में सुना रहा था, उसमें हम चार पांच लड़कियां भी थी, हमनें विरोध मेरी दोस्त किरण ने कहा रवि मनगढ़ंत मत बको समझे लवली मेम कितनी अच्छी हैं हम उनको जानते हैं।
रवि मस्ती मज़ाक में कहने लगा, मानो या न मानो।
किसी के लिए झूठी बातें ही हो, उड़ दी जाएं तो झूठ के सौ पांव लग जातें हैं। इतनी सी बात को कहाँ से कहाँ पहुँच जाती है। रवि की झूठी बात ने एक बहुत ही शालिनी लड़की लवली को कितनी भारी पड़ी,
ये बात जब जतिन सर ने रवि को रोक कर पूछा क्यों तुमने ये क्या झूठीअफवाह फैला दी है मालूम है तुम्हारी इस नासमझी बातों की वजह से लवली की जहाँ शादी तय हुई थी। उस लड़के तक पहुँच गई है, तुम्हारी ये बकवास बातों की वजह से एक लड़की के कैरेक्टर पर लांछन लगा दिया तुमने, तुम समझते भी हो इस तरह एक लड़की को बेबुनियाद बातें बना कर, लवली को अपने घर में ही और मंगेतर की नज़रों में गिरा दिया तुमनें।
अब आगे से कौन उससे शादी करेगा। उसकी ये जो झूठी बदनामी उसके आगे-आगे चलेगी।
रवि को जतिन सर डांट कर चले गए। रवि सोच में पड़ गया, बहुत पछतावा हुआ।