छोटी दुर्गा की अवहेलना क्यूँ
छोटी दुर्गा की अवहेलना क्यूँ
छोटी दुर्गा की अवहेलना क्यूँ
भव्य पंडाल सजा हुआ था।
आज दुर्गापूजा का आखिरी दिन था।
"अरे, कुलसुम को पहली पंगत में किसने बिठाया ?
तुम लोगों को ऊँचनीच का लिहाज़ है कि नहीं ?
पहली पंगत में बिराहमीण बैठेंगे। समझे! "
पंडिताइन कुलसुम को भोज खाते हुए
देखकर भृकुटी तानकर बोलीं।
अब भला भूखे पेट कुलसुम को कैसे पता चलता कि
उसे पीछेवाली पंगत में बैठना था।
"दादी,आप ही तो कहती हो
लड़कियाँ दुर्गा का रूप होती हैं,
तो दुर्गापूजा में छोटी दुर्गा की अवहेलना क्यूँ ?"
शरण्या के ज्वलंत प्रश्न ने सभी पंडित ज्ञानी
को निरुत्तर कर दिया था
आज भी यह प्रश्न अनुत्तरित है।